कभी किचन के किसे कोने में पसर कर रहने वाला प्याज, अब टोकरियों का ठिकाना बना लिया है। दरअसल, इस मौसम में आम तौर पर प्याज की कीमत दस से पंद्रह रुपये किलो होती थी। लेकिन आज यह सौ के करीब पहुंच गया। पहले घरों में झोले भरकर प्याज लाने वाले लोग अब थैलियों में लाने लगे। व्यापारियों की मानें तो अभी प्याज अपने भाव पर और इठलाएगा। आने वाले कुछ दिनों में प्याज की कीमत 120 के प्यार जा सकती है।
दरअसल, देश के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश की वजह प्याज के फसल बर्बाद हुए है। डिमांड ज्यादा है, इसलिए कीमतों में उछाल है। प्याज व्यापारियों का मानना है कि लोगों को इससे फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। लेकिन मध्यप्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर कहते हैं कि प्याज की कीमतों को पचास रुपये से पार नहीं जाने दिया जाएगा। साथ ही बिचौलिए पर कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल में 80 के पार
मंत्री जी कह रहे हैं कि पचास के पार हम प्याज की कीमत जाने नहीं देंगे। लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं है कि राजधानी भोपाल की मंडियों में प्याज 80 रुपये के पार हैं। भोपाल के बिठ्ठन मार्केट स्थित सब्जी मंडी में फ्रेश प्याज 80 रुपये प्रति किलो है। सबसे घटिया स्तर के जो प्याज हैं, वह पचास रुपये प्रति किलो है। ऐसे में मध्यप्रदेश की सरकार की तरफ प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
Onion on prices are increasing – क्यों बढ़ रहे प्याज के भाव, पढ़े पूरे खबर” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/08/20/rt01_5324150-m.jpg”>किचन में भी संभलकर प्रयोग
भोपाल में रहने वाली गृहणियां बताती हैं कि बढ़ती कीमतों की वजह से प्याज का यूज संभलकर कर रहे हैं। जहां सब्जियों में पहले दो प्याज का तड़का लगता था, वह अब एक पर आ गया है। नखड़े देख गरीबों के आखों से प्याज के आंसू निकल रहे हैं। हर दिन सौ रुपये तक की कमाई करने वाले लोग कैसे सौ रुपये किलो प्याज खरीदकर खाएंगे। ऐसे में उनकी थाली से अब प्याज दूर है।
भोपाल में रहने वाली गृहणियां बताती हैं कि बढ़ती कीमतों की वजह से प्याज का यूज संभलकर कर रहे हैं। जहां सब्जियों में पहले दो प्याज का तड़का लगता था, वह अब एक पर आ गया है। नखड़े देख गरीबों के आखों से प्याज के आंसू निकल रहे हैं। हर दिन सौ रुपये तक की कमाई करने वाले लोग कैसे सौ रुपये किलो प्याज खरीदकर खाएंगे। ऐसे में उनकी थाली से अब प्याज दूर है।
राहत की उम्मीद नहीं
केंद्र सरकार ने भी साफ कर दिया है कि नवंबर तक प्याज ऐसे ही नखड़े दिखाता रहेगा। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि खपत और उत्पादन में जो गैप उसकी वजह से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं। नवंबर के अंत तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में यह तो साफ है कि इस पूरे महीने प्याज का तड़का आपके घरों में कम ही लगेगा।
केंद्र सरकार ने भी साफ कर दिया है कि नवंबर तक प्याज ऐसे ही नखड़े दिखाता रहेगा। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि खपत और उत्पादन में जो गैप उसकी वजह से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं। नवंबर के अंत तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में यह तो साफ है कि इस पूरे महीने प्याज का तड़का आपके घरों में कम ही लगेगा।
चिढ़ा रही हैं सब्जियां
मंडियों में प्याज के दाम तो आसमान ही छू ही रहा है। दूसरी सब्जियां भी महंगाई की ऋंगार कर झूम रही हैं। उन्हें झूमते देख मंडियों से लोग चिढ़कर लौट रहे हैं। लाल टमाटर इतना लाल है कि उसे भी लोग छूने से कतरा रहे हैं, सभी मंडियों में टमाटर चालीस रुपये प्रति किलो के पार ही हैं। हरी सब्जियों पर महंगाई का रंग ऐसा चढ़ा है कि झोले में डालने के बाद पर्स खाली कर दे रही है। ऐसे किलो-दो किलो सब्जियां लेने वाले लोग अब पाव और आधा किलो पर आ गए हैं।
मंडियों में प्याज के दाम तो आसमान ही छू ही रहा है। दूसरी सब्जियां भी महंगाई की ऋंगार कर झूम रही हैं। उन्हें झूमते देख मंडियों से लोग चिढ़कर लौट रहे हैं। लाल टमाटर इतना लाल है कि उसे भी लोग छूने से कतरा रहे हैं, सभी मंडियों में टमाटर चालीस रुपये प्रति किलो के पार ही हैं। हरी सब्जियों पर महंगाई का रंग ऐसा चढ़ा है कि झोले में डालने के बाद पर्स खाली कर दे रही है। ऐसे किलो-दो किलो सब्जियां लेने वाले लोग अब पाव और आधा किलो पर आ गए हैं।