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दर्ज की गई FIR
उनके मोबाइल पर आई जानकारियों को मांग लिया था, इस प्रकार उनके बैंक खाते से 11 लाख की राशि निकाल ली गई हैं। अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी की शिकायत आने पर आइजी कार्यालय ने इस मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच एवं साइबर क्राइम पुलिस को काम पर लगाया है। एडिशनल एसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि आइजी कार्यालय से आई शिकायत पर तत्काल एफआइआर दर्ज कर ली गई है।
बैंक मैनेजर बनकर करी धोखाधड़ी
इस मामले में फरियादी के बयान लिए जाएंगे एवं संबंधित बैंक के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी ली जाएगी। एडिशनल एसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि फरियादी के बैंक खाते से कितनी बार में राशि निकाली गई है। उन्होंने बताया कि आइजी कार्यालय में शिकायत देकर फरियादी ने अपने खाते से लाखों रुपए निकाल लिए जाने एवं अज्ञात व्यक्तियों पर बैंक मैनेजर बन धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।
ओटीपी देने से हुई धोखाधड़ी
इस प्रकरण की शुरुआती जांच में साइबर पुलिस ने पाया है कि फरियादी देवनाथ सिंह पाठक ने अज्ञात मोबाइल नंबर से आए फोन कॉल अटेंड किए थे। स्वयं को बैंक मैनेजर बताने वाले व्यक्तियों से अपने खाते की जानकारियां साझा कर दी थीं। आरोपियों ने साइबर फॉड करने के लिए उनके मोबाइल पर कुछ लिंक भेजे थे जिन्हें फरियादी ने भर दिया था। इस प्रकार ओटीपी भी आरोपियों को उपलब्ध करवाए गए थे जिसके बाद फरियादी के बैंक खाते से भारी भरकम राशि निकाल ली गई।