जिले के साढ़े तीन हजार एमपी बोर्ड और 160 से अधिक सीबीएसई स्कूलों में साढ़े पांच लाख बच्चे एक साथ पढ़ाई करेंगे। सरकार की अनुमति के बाद जो बच्चे पढ़ने नहीं आ थे उनकी भी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
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एमपी के बोर्ड स्कूलों में अब आनलाइन पढाई नहीं
शहर में एमपी बोर्ड के सरकारी और निजी स्कूलों की संख्या करीब 3300 से अधिक है, इन स्कूलों में सवा लाख बच्चे पढते हैं, डीईओ मंगलेश कुमार व्यास ने बताया कि स्कूलों की पूरी तैयारी है, बच्चों के पालको को वैक्सीनेशन कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, डीपीसी अक्षय सिंह राठौर ने बताया कि माध्यमिक स्कूल पहले 50 पफीसदी क्षमता के साथ चल रहे थे, अब शत प्रतिशत बच्चों को बुलाया जाएगा, स्कूलों को कोरोना गाइड लाइन के तहत पढाई करानी होगी, वहीं एमपी बोर्ड प्रायवेट स्कूल एसो के महामंत्री गोपाल सोनी ने बताया कि पालको को स्कूल के संबंध में जानकारी प्रदान की जा रही है, अधिकांश स्कूलों में आनलाइन पढाई बंद कर दी जाएगी।
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प्राथमिक स्कूलों में उपस्थिति बनी चुनौती
शहर में करीब 160 से अधिक सीबीएसई स्कूल है, कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक 90 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति है, कक्षा 6 से 8 में करीब 70 प्रतिशत बच्चे आ रहे हैं, वहीं नर्सरी से पांचवीं के 30 से 40 प्रतिशत बच्चों के पालको ने ही अनुमति दी है, सहोदय ग्रुप के चेयरमेन उत्तम कुमार झा ने बताया कि स्कूलों की तैयारी पहले से ही है, पांचवी तक की कक्षाएं दिसंबर से शुरु करेंगे।