भोपाल

सिर्फ 18 अंक कम रहे, नहीं तो नंबर एक पर होते हम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 – भोपाल को सर्वेक्षण के 4000 अंकों में से मिले 3689 अंक, जबकि एक नंबर पर आने वाले इंदौर को मिले 3707

भोपालJun 24, 2018 / 08:14 am

Rohit verma

सिर्फ 18 अंक कम रहे, नहीं तो नंबर एक पर होते हम

भोपाल. स्वच्छता सर्वे 2018 को लेकर तैयार किए ‘भोपाल की है बारी, नंबर वन की है तैयारी’ का दावा महज 18 अंक से पूरा नहीं हो पाया। देश के सबसे स्वच्छ इंदौर से भोपाल को महज 18 अंक ही कम मिले थे। यदि सर्विस लेवल प्रोग्रेस को थोड़ा ठीक कर लिया होता तो आज भोपाल देश का नंबर एक शहर होता।

प्रधानमंत्री ने शनिवार को इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की पूरी रैंकिंग जारी की। विस्तृत रैंकिंग में शहरों को मिले अंकों की जानकारी जाहिर की गई है। पहले नंबर पर रहने वाले इंदौर को सर्वेक्षण के 4000 अंकों में से 3707 अंक मिले, जबकि दूसरे स्वच्छ शहर भेापाल को 3689 अंक मिले। वहीं जानकारों का कहना है कि स्वच्छता सर्वे 2018 में थोड़ा और बेहतर काम करने की जरूरत थी। हालांकि इस बार के स्वच्छता को लेकर भोपाल में काम हुआ है।

ये अंक रहे भोपाल के
– सर्विस लेवल प्रोग्रेस : 1305 अंक 1400 में से
– डायरेक्ट ऑब्जरवेशन : 1179 अंक 1200 में से
– सिटीजंस फीडबैक : 1205 अंक 1400 में से
– 3689 अंक कुल अंक 4000 अंक में से
नोट- इंदौर को कुल अंक 3707 मिले।


सिटीजंस फीडबैक में इंदौर को पछाड़ा हमने
सिटीजंस फीडबैक में भोपाल का प्रदर्शन इंदौर से बेहतर रहा। इंदौर को इसमें 1159 अंक मिले, जबकि भोपाल के खाते में 1205 अंक आए। इसमें इंदौर को 46 अंकों से पछाड़ा। केंद्रीय ऑब्र्जवर ने भी भोपाल को अच्छे अंक दिए। करीब सात दिन तक भोपाल में रहकर सेंट्रल की टीम ने 400 से अधिक स्थानों पर सफाई देखी।

इसके 1200 अंक थे, जिसमें से भोपाल को 1179 अंक मिले, इंदौर के दस अंक अधिक रहे। स्वच्छता को लेकर दी जा रही सर्विसेस में जरूर इंदौर ने भोपाल से बाजी मारी और भोपाल के 1305 अंक की तुलना में करीब 54 अंक अधिक 1359 अंक प्राप्त किए।

सर्विस स्तर पर जो भी खामियां रही हम इसपर गंभीर होकर मंथन करेंगे। कई मामले में हम नंबर एक पर है और कोशिश रहेगी कि अगले साल देश में भोपाल नंबर एक पर रहें।
– आलोक शर्मा, महापौर

 
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