संदिग्ध मरीजों के स्आव (बलगम) के नमूनों की जांच की जाती है। इन्हें पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब भेजने के लिए एम्स भोपाल ने दो कूरियर कंपनियों से करार किया है। ये कंपनियां हवाई मार्ग से सैंपलों को पुणे भेजती हैं। भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर संभाग से प्रतिदिन सैंपल भोपाल एम्स भेजे जाएंगे। संदिग्ध मरीजों के मिलने पर वायरस का संक्रमण न फैले, इसके लिए शहर के अलग-अलग अस्पतालों में 35 बेड आरक्षित किए गए हैं। ये बेड पूर्व में बने स्वाइन फ्लू वार्ड में हैं।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों ने चीन व आसपास के देशों की यात्रा रद्द की है। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन अध्यक्ष हेमंत सिंह जादौन बताते हैं कि मप्र और छत्तीसगढ़ से दो हजार लोगों ने यात्रा कैंसिल की है। कुछ ने यात्रा तारीख आगे बढ़वाई है। इससे कारण ट्रेवल एजेंसियों को खासा नुकसान हो रहा है। शहर के कलाकार अनु श्रीवास्तव का फरवरी के अंतिम सप्ताह में चीन की राजधानी बीजिंग में पेंटिंग एक्जीबिशन थी। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इसे कैंसिल किया गया। अनु बताती हैं कि आयोजक, ट्रेवल एजेंट, होटल और लोकल एजेंट को दी गई रकम डूब गई है।
अस्पताल- बेड
एम्स- 10
हमीदिया- 10
जेपी अस्पताल-10
गांधी नगर सीएचसी- 05 एयरपोर्ट पर जांच के लिए सेंटर बनाया गया है
अब तक शहर में कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज नहीं मिला है। एक व्यक्ति चीन से लौटा था। एहतियातन उसे रुटीन जांच के लिए एम्स भोपाल भेजा गया। प्राथमिक जांच में किसी तरह के लक्षण नहीं मिले हैं। एयरपोर्ट पर जांच के लिए सेंटर बनाया गया है।
– डॉ. सुधीर डहेरिया, सीएमएचओ