scriptकैमरे और हाइटेक सिस्टम दिखावा, नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई नहीं | only warnings, no permit or driving licence cancelled | Patrika News

कैमरे और हाइटेक सिस्टम दिखावा, नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई नहीं

locationभोपालPublished: Nov 03, 2019 03:37:54 pm

– ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को ऑनलाइन चालान भेज की खानापूर्ति- भारी जुर्माने से लेकर लाइसेंस निरस्त करने तक की देते रहे चेतावनी

कैमरे और हाइटेक सिस्टम दिखावा, नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई नहीं

कैमरे और हाइटेक सिस्टम दिखावा, नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई नहीं

भोपाल. राजधानी में आइटीएमएस सिस्टम को लागू कर यातायात और अपराध नियंत्रित करने की कवायद तो जोर-शोर से की गई थी, लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। शहर में यातयात नियमों के उल्लंघन और आपराधिक गतिविधियों को तीसरी आंख से पकडऩे के लिए प्रमुख चौराहों/तिराहों समेत दर्जनों स्थानों पर हाइ रिजोल्यूशन कैमरे लगाकर सिस्टम से जोड़े गए, लेकिन अभी तक किसी पर भारी जुर्माना या लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई सामने नहीं आई।


उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में कलेक्टर कार्यालय में पंचवर्षीय कार्ययोजना क्रियान्वयन की बैठक में यातायात सुधार के प्रस्ताव एएसपी-ट्रैफिक प्रदीप सिंह चौहान ने प्रस्तुत किए थे। इसके लिए 62 प्रमुख चौराहों/तिराहों पर हाइ रिजोल्यूशन कैमरे लगाकर आइटीएमएस सिस्टम से जोड़े गए थे।

कलेक्टर ने कहा था कि ट्रैफिक सिग्नल खराब होने की सूचना अब आईटीएमएस पर दी जाए, ताकि समय पर ननि उन्हें ठीक करवा सके। यह दावा किया गया था किसी तिराहे-चौराहे पर सिग्नल खराब होगा तो सिर्फ 30 सेकंड के भीतर इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस व संबंधित मेंटेनेंस कंपनी को पहुंच जाएगा। इसे जल्द दुरुस्त भी किया जा सकेगा। अभी शहर में 4 कंपनियां सिग्नल के मेंटेनेंस का काम देखती हैं।

शहर में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अभी 18 तिराहों-चौराहों पर सिग्नल की आवश्यकता बताई गई थी। बाद में यह भी तय किया गया कि बार-बार ट्रैफिक नियमों को तोडऩे वालों का डाटा बनाकर सार्वजनिक किया जाएगा और इनपर भारी जुर्माना लगाने या लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। यह भी अभी तक घोषणा ही है। किसी पर भारी जुर्माना या लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई नहीं किए जाने का पता चला है।

वसूली पर रहता अधिक ध्यान
शहर में पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिसकर्मी वसूली पर अधिक ध्यान देते हैं। इन्हें ट्रैफिक नियंत्रण से कम वास्ता रहता है। ट्रैफिक पुलिस तो प्रमुख चौराहों/तिराहों पर दिखाई भी देती है, लेकिन अन्य पुलिसकर्मी जगह-जगह बेरिकेड्स लगाकर वसूली करते रहते हैं। दूसरी बड़ी समस्या बंद सिग्नल की है। ट्रैफिक सिग्नल बंद होने पर चारों तरफ से ट्रैफिक चल पड़ता है, जिससे एक्सीडेंट की आशंका रहती है।

सिग्नल बंद होने से ई-चालान व्यवस्था फेल होने की कगार पर है। सिग्नल बंद होने से न तो ट्रैफिक नियंत्रित किया जा सकता है, न ही आइटीएमएस से चालान किया जा सकता है। ओवरस्पीडिंग पर भी नजर नहीं रखी जा रही है। शहर में बाग सेवनिया थाना चौराहा, हबीबगंज नाका, लिंक रोड 1,2,3, बोर्ड ऑफिस, न्यू मार्केट, एमपी नगर चौराहा, लालघाटी समेत कई चौराहों/तिराहों पर जाम लगता है।

हालांकि ट्रैफिक सिग्नल को सिंक्रोनाइज करने के लिए कई बार बात उठी, लेकिन नगर निगम ने जिन 4 एजेंसियों को इनकी जिम्मेदारी सौंपी है, वे काम सही से नहीं कर रहीं। शहर में प्रतिदिन 60 फीसदी सिग्नल ही सही काम करते हैं। इस कारण जनता जाम से जूझती है।


जिस जगह सिग्नल बंद या खराब होता है, उसकी सूचना तत्काल आइटीएमएस और नगर निगम को दी जाती है। सिग्नल ठीक कराने का काम उनका है। बार-बार ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों में से किसी का लाइसेंस निरस्त किया गया या नहीं, यह बाद में बता सकेंगे। अभी लाल परेड ग्राउंड पर हूं।
– प्रदीप सिंह चौहान, एएसपी-ट्रैफिक

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