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संकट में कमलनाथ सरकार, 22 मंत्रियों ने दिए इस्तीफे, सिंधिया भाजपा के संपर्क में

locationभोपालPublished: Mar 10, 2020 02:41:18 am

जल्द होगा मंत्रिमंडल का पुनर्गठन, सिंधिया को राज्यसभा भेजने के साथ प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी का भी फॉर्मूला

operation lotus: 22 ministers resign in Madhya Pradesh

दिल्ली में देर शाम सिंधिया कार में बैठकर अपने निवास से किसी से मिलने गए, आधे घंटे बाद वापस लौटे।

भोपाल. पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी से कमलनाथ सरकार एक बार फिर संकट में आ गई है। ऑपरेशन लोटस से सरकार उबर भी नहीं पाई थी कि ऑपरेशन होली ने सरकार की चूलें हिला दी। सोमवार को अचानक सिंधिया के समर्थक 19 विधायक, जिनमें छह मंत्री हैं, गायब हो गए। ये मंत्री-विधायक पहले दिल्ली में जुटे फिर सिंधिया के निर्देश पर दो चार्टर्ड प्लेन से बेंगलुरू जा पहुंचे। इनके मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गए।
सीएम कमलनाथ ने दोपहर में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सरकार बचाने की रणनीति बनाई। नाराज सिंधिया को मनानेे के लिए कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष का पद और राज्यसभा की कुर्सी ऑफर की है, लेकिन वे देर रात तक नहीं माने। सिंधिया गृहमंत्री अमित शाह के संपर्क में हैं। उधर, देर रात सीएम हाउस में हुई अनौपचारिक कैबिनेट बैठक में 22 मंत्रियों ने इस्तीफे कमलनाथ को सौंप दिए। इसमें जयवद्र्धन सिंह, तरुण भनोत, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, डॉ. गोङ्क्षवद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, उमंग सिंघार, हुकुम ङ्क्षसह कराड़ा, आरिफ अकील, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी, प्रियव्रत सिंह, कमलेश्वर पटेल, विजयलक्ष्मी साधौ, बृजेंद्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल, हर्ष यादव, ओमकार सिंह मरकाम, लखन घनघोरिया, सुखदेव पांसे, सचिन यादव व लाखन यादव भी हैंं। मंगलवार शाम 5 बजे सीएम हाउस में कांग्रेस विधायक दल की बैठक है, जिसमें अगले कदम का ऐलान होगा।

इन्होंने की बगावत
सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी के साथ विधायक राज्यवर्धन सिंह, रक्षा सरोनिया, गिरिराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह जज्जी, ब्रजेंद्र यादव, मुन्नालाल गोयल, रणवीर जाटव, रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह डंग के बगावती तेवर हैं।

सोनिया से मिलने का समय नहीं मिला, उखड़े सिंधिया
सूत्रों के मुताबिक सीएम कमलनाथ के रवैये से नाराज चल रहे सिंधिया ने रविवार को सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया। इस पर सिंधिया ने समर्थक मंत्री-विधायकों को दिल्ली से बेंगलुरू रवाना कर दिया। सिंधिया देर शाम दिल्ली में खुद कार ड्राइव कर निवास से निकले। उन्होंने रास्ते में गाड़ी बदली और दूसरी गाड़ी से कहीं रवाना हो गए। वे आधे घंटे बाद लौटे। सिंधिया की इस दौरान सचिन पायलट और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की चर्चा है। हालांकि पायलट ने सिंधिया से मुलाकात की बात से इनकार किया है।

कमलनाथ ने दिल्ली से लौटकर बनाई रणनीति
सोनिया गांधी से मिलने के बाद शाम को मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा एक साथ लौटै। कमलनाथ ने मीडिया से कहा, प्रदेश के राजनीतिक हालात पर सोनिया से चर्चा की है। भाजपा से अब रहा नहीं जा रहा। 15 वर्षों तक उनके नेताओं ने भ्रष्टाचार किए हैं, इसलिए घबरा गए हैं। उधर, मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को भोपाल बुला लिया है। कमलनाथ ने आपात बैठ बुलाई है। शाम 7.15 पर दिग्विजय सिंह सीएम हाउस पहुंचे। सीएस एसआर मोहंती और एडीजी इंटेलीजेंस राजेंद्र कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे। दिल्ली से बेंगलुरू जाने की खबर लीक ना हो जाए, इसके चलते सिंधिया समर्थक कई विधायकों ने दो दिन पहले ही सिक्यूरिटी लौटा दी थी। देर रात दिग्विजय ने बयान दिया कि सिंधिया से बात करने का प्रयास जारी है। बताया जा रहा है कि उन्हें स्वाइन फ्लू है।

शिवराज बन सकते हैं विधायक दल के नेता
भाजपा ने विधायक दल की आपात बैठक मंगलवार शाम 6 बजे प्रदेश भाजपा कार्यालय में बुलाई है। सभी को अनिवार्य रूप से मौजूद रहने को कहा है। उधर, सोमवार को पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा दिल्ली में रहे। इन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ देर रात तक मंत्रणा की। शिवराज, विनय सहस्त्रबुद्धे सहित कई नेता मंगलवार सुबह भोपाल पहुंच रहे हैं। विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह को विधायक दल का नेता बनाया जा सकता है। फॉर्मूले के तहत नरोत्तम मिश्रा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। भााजपा ने पूर्व मंत्रियों को पार्टी के विधायकों पर नजर रखने का जिम्मा सौंपा है।

लोटस फेल तो शाह ने संभाली कमान
चार कांगे्रसी, बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों को तोडऩे का ऑपरेशन लोटस पिछले मंगलवार की रात दिग्विजय सिंह के चलते फेल हो गया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन कराने की कमान अमित शाह ने संभाली। इसे मिशन होली नाम दिया। शाह पहले से सिंधिया के संपर्क में हैं। इसके पहले भी शाह व सिंधिया की कई बार मुलाकात हो चुकी है।

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