अब तक सवा लाख लोगों ने लिया सर्वे में हिस्सा
तकरीबन 1 लाख 13 हजार से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट में भाग लिया। इनमें से 58 फीसदी लोगों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिया। वहीं शिवराज सिंह चौहान को अपने पसंदीदा नेता के तौर पर सिर्फ 32 फीसदी लोगों ने शिवराज सिंह चौहान का नाम लिया, वहीं 6 फीसदी लोगों ने उमा भारती की राजनीति में वापसी की मांग की, उनका कहना था कि उमा भारती को वे एक बार फिर से प्रदेश के मुखिया के तौर पर देखना चाहते हैं। बाकी लोगों ने दिग्विजय सिंह , कमलनाथ और नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम लिया।
58 फीसदी वोट के साथ ज्योतिरादित्य लोगों की पहली पसंद
सवा लाख लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया, जिनमें से ज्यादातर ने कहा कि उन्हें मध्यप्रदेश में सीएम के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पसंद है। शुरूआती रुझानों को देखकर माना जा रहा था कि मध्यप्रदेश के वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान को शायद सबसे ज्यादा वोट मिल सकते हैं, लेकिन कुछ ही घंटों में ये साफ हो गया कि प्रदेश की जनता का मूड कुछ और ही कहता है। सोशल मीडिया पर लगभग 58 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे मध्यप्रदेश के अगले सीएम के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया को देखना चाहते हैं।
देखें वीडियो – एक किस्सा.. जमीन से लेकर आसमान तक का सिंधिया का सफर…
32 फीसदी के साथ शिवराज भाजपाइयों में सबसे आगे
इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नंबर आता है, जिन्हें 32 फीसदी लोगों ने एक बार फिर से प्रदेश की कमान सौंपने की इच्छा जाहिर की है। शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री अपनी तीन कार्यकाल पूरे कर चुके हैं, सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से शिवराज सिंह को ही प्रदेश के सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन प्रदेश की जनता की मानें तो तस्वीर कुछ और ही नजर आती है। बहरहाल इस सर्वे में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया से काफी पीछे नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में उन्हें ही सबसे ज्यादा वोट मिले हैं।
मध्यप्रदेश से बाहर, फिर भी लोगों की तीसरी पसंद उमा भारती
इसके बाद लोगों ने सबसे ज्यादा उमा भारती को सीएम कैंडिडेट के तौर पर पसंद किया। आपको बता दें कि हाल ही में उमा भारती ने राजनीति से सन्यास का ऐलान किया है, फिर भी सर्वे में भाग लेने वाले लोगों ने उमा भारती को तीसरे स्थान पर चुना है। हालांकि आंकड़ों पर जाएं तो उमा भारती को जितने वोट मिले हैं वे ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान से काफी कम हैं। लेकिन तीसरे स्थान पर उमा भारती को चुना जाना ये बात साफ करता है कि भले ही उमा राजनीति से सन्यास ले लें, मध्यप्रदेश में उनकी लोकप्रियता कम नहीं होने वाली।
देखें वीडियो – एक किस्सा में उमा भारती का सफर…
तीन दिग्गजों के कुल वोट उमा भारती से भी कम
इसके बाद बाकी तीन दिग्गजों के मिलने वाले वोटों की संख्या का आंकड़ा चौंकाने वाला था। इस दौड़ में बाकी बड़े नाम, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और नरेन्द्र सिंह तोमर भी शामिल थे, लेकिन हैरानी की बात ये ही कि इन्हें मिले कुल वोट सिर्फ 4 प्रतिशत ही थे। इनमें सबसे ज्यादा दिग्विजय सिंह को 3 प्रतिशत लोगों ने अपनी पसंद बताया, वहीं कमलनाथ और नरेन्द्र सिंह तोमर को कुल 1 प्रतिशत लोगों ने ही अपनी पसंद के तौर पर चुना।
देखें वीडियो – एक किस्सा.. दिग्विजय सिंह के सफर का…
इसलिए बढ़ रही है ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता
उत्तर प्रदेश में चुनाव हारने के बाद अब कांग्रेस का पूरा फोकस मध्य प्रदेश पर है, और इसीलिए अभी से ही पार्टी के चेहरे को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि इसके लिए कई नाम आगे आने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल दो नेता पार्टी में टॉप पर चल रहे हैं। एक हैं कमलनाथ और दूसरे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया। कमलनाथ सीनियर हैं और उनके साथ पार्टी का सीनियर धड़ा भी पीछे नजर आता है, लेकिन एक युवा चेहरे की चाहत लिए कांग्रेस के पास ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं।
प्रदेश की कमान के ल? नाथ ??थ और सिंधिया दोनों नेताओं की अपनी-अपनी ताकत है। नाथ जहां अनुभवी और समृद्ध नेता हैं। वहीं सिंधिया की ताकत युवा चेहरा और राजनीतिक विरासत भी है। प्रदेश में तंगहाली के दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए अब समृद्ध नेता की जरूरत है, लेकिन साथ-साथ नई ऊर्जा फूंकने और सही रणनीति अपनाने वाला नेतृत्व चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के इस पैमाने पर खरे उतरते साबित हो रहे हैं, और शायद यही वजह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता हाल ही में कई गुना ज्यादा बढ़ी है।