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संघ की शाखाओं में जाने वाले कर्मचारी अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से रखें दूर

locationभोपालPublished: Aug 29, 2018 07:44:03 am

Submitted by:

dinesh Binole

भोपाल में मुख्य चुनाव आयुक्त, विपक्षी दलों ने उठाई मांग

CEC

NRC से वंचित लोगों को भी वोट देने का अधिकारः मुख्य चुनाव आयुक्त

भोपाल. मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मंगलवार को राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर विधानसभा चुनाव से पहले की तैयारियों पर चर्चा की। बैठक में कांग्रेस, आप, सीपीएम ने कहा, जिन अधिकारी-कर्मचारी का आएसएस से संबंध हैं या उसकी शाखाओं में जाते हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी से दूर रखा जाए। बसपा ने वीवीपैट पर्ची मतदाताओं को देने की अपील की। इस मौके पर सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कांग्रेस की तरफ से मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के आरोपों पर रावत ने मीडिया से कहा, प्रदेश की मतदाता सूचियों में फर्जी मतदाता नहीं हैं। डुप्लीकेट नाम हैं, उन्हें हटाया गया है।
 भाजपा : मंत्री उमाशंकर गुप्ता, मंत्री विश्वास सारंग और विजेश लुणावत ने कहा, मतदाता को वाट्सऐप पर वोटर स्लिप मिले। बूथ के बाहर टेंट की राशि पार्टी खर्च में जोड़ें। 18 वर्ष की आयु के लिए 1 जनवरी 2018 के बजाय चुनाव के नजदीक अंतिम तिथि तय की जाए। ऐसा सॉफ्टवेयर बने, जिससे मतदाता सूची के दोहरे नाम हटाए जा सकें।
कांग्रेस: सुरेश पचौरी, अजय गुप्ता और जेपी धनोपिया ने कहा, सीएम की ऐसी घोषणाओं पर रोक लगाई जाए, जो चुनाव से पहले पूरी होना संभव नहीं हों। ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान हो। एक हजार से कम मतों से जीत पर ईवीएम और वीवीपैट पर्ची के मिलान किए जाएं।
कुछ कलेक्टरों के जवाब से संतुष्ट नहीं हो पाए रावत

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कलेक्टर, कमिश्नर, एसपी-आईजी समीक्षा बैठक में राजगढ़ कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से वीवीपैट के बारे में पूछा तो वह इसकी प्रक्रिया नहीं बता पाए। रावत ने उन्हें नसीहत दी कि वे इसका व्यवहारिक ज्ञान रखें। अनूपपुर कलेक्टर अनग्रह पी से स्वीप कार्यक्रम के बारे में पूछा तो वे ढंग से समझा नहीं पाई। रावत ने उन्हें प्रक्रिया समझाई। पहले दिन 23 जिलों ने प्रजेंटेशन दिया। रावत ने भिंड कलेक्टर-एसपी से कहा कि बाहुबलियों के इस क्षेत्र में निजी भवनों में मतदान केन्द्र खोल दिए गए हैं।
इस पर कलेक्टर आशीष कुमार ने सफाई दी कि निजी में नहीं, शासकीय भवनों में मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। रावत ने उन्हें एक स्कूल के संबंध में बताया तो कलेक्टर ने कहा कि वह अनुदान प्राप्त स्कूल है। रावत ने कहा, ऐसे स्कूल सरकारी नहीं होते हैं। रावत ने इसकी जांच रिपोर्ट भेजने को कहा। समीक्षा की शुरूआत भोपाल संभाग से की गई।
हर कलेक्टर को 7 स्लाइड में प्रजेंटेशन देने को कहा गया था, लेकिन कुछ कलेक्टर 15 स्लाइड तक बनाकर लाए थे। ऐसे में निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने कलेक्टरों को टोका कि वे संक्षेप में अपनी बात रखें। बैठक में बालाघाट कलेक्टर ने कहा कि उनका एरिया शेडो है, वहां पर नेटवर्क काम नहीं करता है ऐसे में उन्हें सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए जाएं। वहीं सिंगरौली कलेक्टर ने जिले की भौतिक संरचना का हवाला देते हुए कहा कि कम समय में पूरे क्षेत्र की निगरानी करने के लिए हेलीकाप्टर की व्यवस्था कराई जाए। दोनों कलेक्टरों की मांग को आयोग की बेंच ने नोट कर लिया। बुधवार को सुबह 9 बजे से शेष 28 जिलों का प्रजेंटेशन आयोग की बेंच देखेगी।
कलेक्टर हैंडसम होना चाहिए
बैठक शुरू होने से पहले रावत ने कलेक्टरों से कहा कि आप लोगों को हैंडसम होना चाहिए। आपका एडीएम-एसडीएम चुनाव से संबंधित कोई सवाल पूछे तो तत्काल बताएं, ये नहीं कि हर बात के लिए किताब के पन्ने पलटें। उन्होंने कहा कि जब मैं एसडीएम था तो आशा करता था कि कलेक्टर को सब पता है।
सहारिया आदिवासी का नहीं बता पाए प्लान
अशोकनगर, श्योपुर और शिवपुरी कलेक्टर से पूछा कि सहारिया आदिवासियों को कैसे बूथ तक लाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। तीनों कलेक्टर जवाब नहीं दे सके। रावत ने कहा कि आप लोग उन्हें मत की ताकत बताएं, ताकि वे मताधिकार का उपयोग करें।
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