भोपाल

तन्खा के ट्वीट से नाराज हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री मिलने पहुंचे राजभवन

सुबह उमा और शिवराज मिले राज्यपाल से, देर शाम पहुंचे सीएम कमलनाथ

भोपालOct 08, 2019 / 08:11 am

दीपेश अवस्थी

मध्यप्रदेश के नये राज्यपाल आज लेंगे शपथ, राजभवन में यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश के नेता पहुंचे

भोपाल। महापौर और निकाय अध्यक्षों के चुनाव जनता की बजाए पार्षदों के जरिए कराए जाने संबंधी अध्यादेश पर सोमवार को बात बनते-बनते फिर बिगड़ती दिख रही है। सुबह भाजपा के दो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर इस अध्यादेश का विरोध करते हुए इसे रोकने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे

इस बीच, राजभवन ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा के ट्वीट पर नाराजगी जाहिर की। इसकी जानकारी मिलने के बाद देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे। हालांकि कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि वे बाढ़ पीडि़तों को केंद्र से मिलने वाली राहत राशि के बारे में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे।

अध्यादेश को मंजूरी देने का आग्रह किया

माना जा रहा है कि कमलनाथ ने राज्यपाल से महापौर चुनाव के अध्यादेश को मंजूरी देने का आग्रह किया। उधर, पता चला है कि राजभवन ने फिलहाल अध्यादेश को रोक लिया है। राज्यपाल इस अध्यादेश का अध्ययन करने के साथ ही विधि विशेषज्ञों से परामर्श ले रहे हैं। राजभवन ने सरकार से पूछा है कि किस राज्य में महापौर के चुनाव को लेकर किस तरह की व्यवस्था है। बताया जाता है कि सरकार ने यह जानकारी राजभवन को उपलब्ध करा दी है।

तन्खा के ट्वीट ने बढ़ाया गतिरोध-
राज्यपाल लालजी टंडन महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के तर्कोँ से सहमत हो गए थे। उनकी तरफ से अध्यादेश को मंजूरी देने के संकेत दे दिए गए थे। लेकिन विवेक तनखा के ट्वीट के बाद गतिरोध फिर बढ़ गया। तनखा ने ट्वीट में राज्यपाल से आग्रह किया था कि विपक्ष की बात सुनें, लेकिन महापौर चुनाव अध्यादेश को नहीं रोकें। अन्यथा यह गलत परम्परा होगी। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि राज्यपाल अनुभव की भट्टी में पके हुए नेता हैं। वे दलों से ऊपर हैं। लेकिन कोई उन्हे राजधर्म सिखाने की बात कहेगा तो यह पूरी तरह से गलत है।

पहले उमा और फिर शिवराज मिले राज्यपाल से –
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मीडिया से कहा, कांग्रेस सरकार पराजय के डर से प्रत्यक्ष चुनाव कराने से बच रही है। लोकतंत्र की आत्मा प्रत्यक्ष चुनाव है। कांग्रेस सरकार का मकसद सिर्फ जोड़तोड़ की राजनीति करना है। ये बाहुबल-धनबल का उपयोग करके नगरीय निकायों में जनादेश का अपहरण करने की कोशिश करेंगे। शिवराज ने कहा, कमलनाथ को तत्काल यह अध्यादेश वापिस लेना चाहिए और इसके साथ ही जिला और जनपद पंचायत अध्यक्षों के चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाना चाहिए।

जनसंपर्क मंत्री ने नपी तुली प्रतिक्रिया दी

मुख्यमंत्री कमलनाथ की राज्यपाल से मुलाकात के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों में महापौर के निर्वाचन के संबंध में राज्यपाल को विस्तृत जानकारी दी। महापौर निवार्चन के अध्यादेश के संबंध में सरकार का पक्ष रखा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्यपाल नगरीय निकाय में महापौर चुनाव के संबंध में राज्य के हित में निर्णय लेंगें। विवेक तनखा के ट्वीट के सवाल पर कहा कि यह उनके निजी विचार हो सकते है। ये विचार मध्यप्रदेश सरकार के नहीं हैं।

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