लोगों ने आदेश को सराहा
दरअसल, कैंन्द्र सरकार ने गुज़रे अप्रैल के महीने में वाहन चालकों के लिए देश के सभी राज्यों के आरटीओ को आदेश जारी किया था कि, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, साथ ही लाइसेंस बनवाने के साथ लोगों के लिए अंगदान करने का विकल्प भी जोड़ा जाए, ताकि, कुछ लोग मरने के बाद भी समाज सेवा कर सकें और कुछ लोगों को एक नई जिंदगी मिल सके। कैंन्द्र द्वारा देश के सभी आरटीओ को जारी इस आदेश की काफी सराहना भी की जा रही है। आमजन का कहना है कि, सरकार की यह एक अच्छी पहल है कि, उसने एक तरह से इस व्यवस्था को आसान कर दिया कि, लोग मरने के बाद भी एक दूसरे के काम आ सकें। एक और आम जन का कहना है कि, यह अच्छी बात है कि, सरकार ने एक दस्तावेज़ के ज़रिए इस प्रक्रिया को आसान करने की योजना बनाई है। उनका कहना था कि, हादसा कभी भी किसी के साथ भी हो सकता है। लेकिन,मृतक के परिजन को इस बात से खुशी ही होगी कि, उनका करीबी आज अपने अंग के ज़रिए किसी और में जीवित है।
स्मार्ट चिप के साथ सिस्टम अपडेट नहीं
हालांकि, कैन्द्र सरकार ने यह आदेश करीब पांच महीने पहले ही जारी कर दिया था, लेकिन तक्नीकी खराबी के कारण यह व्यव्स्था लागू नहीं की गई है। लोगों में इस व्यवस्था को लेकर उत्सुक्ता भी दिखाई दे रही है, जिसके तहत लाइसेंस बनवाने या उसे रिन्यू कराने वाले ज्यादातर लोग इस विकल्प की मांग कर रहे हैं। लेकिन सभी आरटीओ द्वारा इस तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए इस विकल्प के अपडेट ना होने की बात कह रहै है। पत्रिका मध्य प्रदेश के संवाददाता ने जब इसकी पड़ताल की तो पता लगा कि, परिवहन विभाग का सर्वर संभालने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने सिस्टम अपडेट नहीं किया है। इस कारण यह प्रक्रिया अब तक लागू नहीं हो पाई है। वहीं एक फॉर्म पर ही सभी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पा रहे हैं। हालांकि लाइसेंस में अंग दान व्यक्ति की स्वेच्छा के आधार पर ही कर सकेगा।
फिलहाल आ रही तकनीकी खराबी
इस तकनीकी खराबी की जानकारी देते हुए आरटीओ भोपाल संजय तिवारी ने बताया कि, सरवर में आने वाली इस समस्या का निवारण एक सप्ताह में करके इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि, अंगदान करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के साथ प्रदेश ही नही देश के बाहर भी किसी हादसे के चलते मृत्यु होती है तो इसकी इच्छा को बरकरार रखते हुए उसके द्वारा बताए अंग का दान किया जाएगा। तिवारी ने बताया कि, ऐसा नहीं है कि, यह व्यवस्था सिर्फ नए लाइसेंस के लिए ही मान्य होगी। बल्कि, अगर कोई व्यक्ति अंगदान करने की इच्छा रखता है तो, वह अपने लाइसेंस को रिनेवल कराते समय भी नई श्रेणी का फार्म भरकर इस समाजसेवी हिस्सेदारी में अपना योगदान कर सकता है।
यह होगी प्रक्रिया
केन्द्र सरकार के आदेश के मुताबिक, राज्यों को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर एक आदेश जारी किया गया था, क्योंकि मोटर साइकिल, चार पहिया वाहन, ट्रक, ट्रैक्टर के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने पड़ते थे। अब अलग-अलग फॉर्म भरने की व्यवस्था खत्म करके एक ही फॉर्मेट निर्धारित किया जा रहा है, साथ ही इस नए फॉर्मेट में अंग दान का विकल्प भी जोड़ा गया है। भोपाल आरटीओ ने बताया कि, अगर कोई व्यक्ति अंग दान करना चाहता है तो वह फॉर्म में अपने उस अंग का नाम लिख सकता है, जिसे दान करना चाहता है। जब लाइसेंस का कार्ड तैयार किया जाएगा, उस वक्त ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड पर लिख दिया जाएगा कि, इस व्यक्ति ने अंग दान किया है। उन्होंने कहा कि, भगवान ना करे, लेकिन अगर उस व्यक्ति की दुर्घटनावष मौत हो जाती है तो पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस देखकर उसका अंग दान करा देगी, उसके बाद बॉडी उसके परिजन को दे दी जाएगी।