सीएम कमलनाथ ने अपने लेटर में लिखा है, हमारे देश में प्रतिवर्ष अनुमानत 1.8 लाख लोग किडनी की बीमारी से पीड़ित होते हैं। इनमें से देश में प्रतिवर्ष मात्र 6 हजार लोगों की किडनी प्रत्यारोपित ( Kidney Transplant ) हो पाती है। यह संख्या कुल मरीजों की सिर्फ 3.3 प्रतिशत है। इसी प्रकार देश में प्रतिवर्ष 2 लाख लोगों की लिवर की बीमारी से अथवा लीवर कैंसर से मृत्यु हो जाती है। इनमें से 10 से 15 प्रतिशत यानी 25 से 30 हजार लोगों को हम समय पर लिवर प्रत्यारोपण कर बचा सकते हैं, किन्तु ऐसा नहीं हो पाता है। आज देश में प्रतिवर्ष 25 से 30 हजार लिवर प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता है, परंतु 1500 लिवर ही प्रत्यारोपित हो पाते हैं।
स्पष्ट है कि हमारे देश में अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता और प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध अंगों की संख्या में बड़ा अंतर है। यह देखने में आया है कि कई बार प्रत्यारोपण के लिए अंग उपलब्ध हो सकते हैं किन्तु लोगों में जागरुकता का अभाव होने के कारण वह अंगदान करने की स्थिति में होने के बाद भी अपनी रूचि नहीं दिखाते हैं। आज हमें इस अंतर को कम करने की आवश्कता है। यह अंतर आप लोगों की जागरुकता से ही कम हो सकता है।
सीएम ने कहा- मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि आपके द्वारा लिया गया अंगदान का निर्णय किसी एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि कई परिवारों को जीवन एवं खुशियां प्रदान कर सकता है। हमारे जीवित रहते हुए या मृत्यु के बाद भी हमारा शरीर यदि किसी दूसरे व्यक्ति के काम आता है, तो हमें ऐसे जीवन को धन्य मानना चाहिए। आज हमारे देश में जागरुकता के आभाव में अन्य देशों की तुलना में बहुत कम लोग अंगदान करते हैं। हमें भी अंगदान के प्रति जागरूक होकर दूसरे लोगों के जीवन को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
कमलनाथ ने कहा- मध्यप्रदेश सरकार ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए, ‘मानव अंगों का प्रत्यारोपण अधिनियम 1994’ एवं उममें किए गए संशोधन को अंगीकार किया है। प्रदेश में राज्यस्तरीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संस्था ( SOTTO ) का गठन कर जीवित एवं मृत्योपरांत अंगदान को एक पारदर्शी प्रणाली के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेशवासियों को अंग प्रत्यारोपण की सुविधा भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में स्थिति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त ऐसे सभी निजी चिकित्सालयों और समाजिक संगठनों को भी बढ़ावा दिया जाएगा दो इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।