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बांधवगढ़ की आदमखोर बाघिन को वापस करेगी उड़ीसा सरकार

locationभोपालPublished: Sep 14, 2018 10:54:06 pm

Submitted by:

harish divekar

महिला के शिकार के बाद गुस्साए लोगों ने बाघिन कोे वापस भेजने सरकार पर बनाया दबाव

special tiger of mp

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मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क से उड़ीसा के सतकोशिया टाइगर रिजर्व में बाघ और बाघिन का जोड़ा भेजा गया था। बांधवगढ़ की सुंदरी बाघिन ने उड़ीसा के इस टाइगर रिजर्व में एक महिला को अपना शिकार बना लिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने बाघिन का विरोध जताते हुए सतकोशिया टाइगर रिजर्व के कार्यालय, वाहन और मोटर बोट जला दिए। स्थानीय लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने आदमखोर बाघिन को वापस मध्यप्रदेश भेजने का आश्वासन दिया।
हालांकि अभी सुंदरी बाघिन को वापस करने का निर्णय उड़ीसा सरकार में उच्च स्तर पर होना बाकी है। दरअसल, २००७ में सतकोशिया टाइगर रिजर्व में बाघ खत्म हो गए थे। पन्ना टाइगर रिजर्व की तर्ज पर सतकोशिया में बाघों के पुनर्वास के लिए ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने देश में पहली बार इंटर स्टेट रि-शिफ्टिंग ऑपरेशन शुरु किया। इसके लिए केन्द्र सरकार ने २५ करोड़ की राशि भी दी है।
शुरुआत में उड़ीसा सरकार ने मध्यप्रदेश से तीन बाघ-बाघिन का जोड़ा मांगा था, लेकिन मध्यप्रदेश ने सिर्फ एक जोड़ा देने पर सहमति दी। इसके बाद कान्हा से महावीर बाघ और बांधवगढ़ से सुंदरी बाघिन को उड़ीसा के टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया।

टाइगर रिजर्व के बफरजोन में बसे हैं २०० गांव

सतकोशिया टाइगर रिजर्व के बफरजोन में लगभग 200 गांव बसे हुए हैं, यही वजह है कि सुंदरी बाघिन ने टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में पहले मवेशियों का शिकार किया, उसके बाद एक महिला को अपना शिकार बनाया। बफर जोन में रहने वाले ग्रामिणों ने बाघिन के आदमखोर होने पर अपनी जान का खतरा बताते हुए इसे तत्काल वापस भेजने की मांग सरकार से की है।

संदीप त्रिपाठी, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ उड़ीसा

उड़ीसा के सतकोशिया में भेजे गए बाघों की जान खतरे में है। उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मैं शुरु से ही इस शिफ्टिंग का विरोध कर रहा हूं।

अजय दुबे, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट

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