भोपाल

पीपीपी योजना के चक्कर में अन्य विकास भी हुए धूमिल

-नव बहार सब्जी मंडी, नादरा बस स्टैंड, बोगदा पुल फायर स्टेशन आदि तो इसके चक्कर में अन्य विकास से भी वंचित हो गए।

भोपालJan 25, 2019 / 10:28 am

चन्द्र प्रकाश भारती

पीपीपी योजना के चक्कर में अन्य विकास भी हुए धूमिल

भोपाल। एक ओर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, दूसरी ओर शहर में कई नगर निगम के भवन व क्षेत्र पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) योजना से बनाने के चक्कर में सामान्य विकास से भी दूर हो चुके है। हालात यह है कि सड़कों से लेकर भवन तक उनके दम तोड़ चुके है।
बड़ी योजना के इंतजार में यहां मूलभूत सुविधा के काम भी नहीं होने से लोग परेशान हो रहे हैं। इसमें नव बहार सब्जी मंडी, जिसमें १३३ करोड़ की लागत से नादरा बस स्टैंड के साथ दुकाने, शापिंग मॉल आदि के सात नई सड़के ओवर ब्रिज बनना था, वह साधारण विकास से भी कोसो दूर ह चुकी है। इसी आईएसबीटी को छोड़कर अन्य बस क्षेत्रों के बस स्टैंड की दयनीय हालात को देखते हुए पूर्व कमिश्रर कविंद्र कियावत ने सुधार के आदेश भी दिए, लेकिन उस दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ है।
बोगदापुल के फायर स्टेशन के पास से नया ओवर ब्रिज बन गया। जगह भी काफी निकल आई है,लेकिन फायर स्टेशन का विकास नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि पीपीपी योजना भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। अब उस दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है।

-नादरा बस स्टैंड
कभी शहर का मुख्य बस स्टैंड था, जब से यहां से चारों दिशा में अलग-अलग बनाएं बस स्टैंड पर बसे शिफ्ट कर दी गई। यहां विकास कार्य पर ध्यान देना ही बंद कर दिया गया। नालियों की सफाई,इसका ५० साल पुराने भवन जर्जर हो चुका है कि बारिश में अंदर पानी गिरने से लोग परिसर में नहीं बैठते हैं। खतरे को देखते हुए बस स्टैंड के अंदर लगने वाली दुकानें तक बंद हो चुकी है। दुकाने भी शेड की तरह बनी हुई है। उन्हे पक्का तक नहीं किया गया है। यहां प्रवेश गेट के लिए बेरियर भी लगाया गया,लेकिन उसे शुरू ही नहीं किया गया। अंदर नगर वाहन, ऑटो की प्रीपेड काउटर भी बनाए गए,लेकिन उनका उपयोग ही हुआ, टिकिट खिड़की के लिए बने रूमों में सामान भरा पड़ा है।

-नव बहार सब्जी मंडी
बस स्टैंड शिफ्ट करने के साथ दुकानें, मॉल, होटल्स आदि सभी कुछ पीपीपी मोढ पर होना है। जिसके लिए करीब १३३ करोड़ का बजट भी बनाया गया है। जब क्षेत्र का जायजा लिया तो सीवेज, पानी की लाइने यहां से फूटी होने के कारण मंडी में कीचड हो रही थी। इससे दो जोन, तीन वार्ड लगे है। यहां की मुख्य सड़क २० साल से नहीं बनी। रही सही कसर सीवेज लाइन और पानी की लाइन से सड़कों की बिगाड़ दी है।
-बोगदापुल फायर स्टेशन
चालीस सालों से बोगदा पुल का फायर स्टेशन पुरानी जर्जर भवन में चल रहा है। नीचे गाडिय़ां खड़ी होती है और ऊपर कर्मचारी रहते है। जर्जर, छत, टूटी सीढिय़ों के साथ दयनीय स्थिति के भवन में फायर स्टेशन चल रहा है। रही-सही कसर बोगदा पुल के नया बनने से सड़के ओर जर्जर हो चुकी है। बताया जा रहा है कि मेट्रो लाइन के चक्कर में पीपीपी योजना खत्म हो चुकी है।
इनका कहना
योजना निरस्त नहीं हुई है, नादरा बस स्टैंड का विकास पीपीपी मोड पर और नव बहार सब्जी मंडी में बस स्टैंड बनाने की योजना की भी डीपीआर बन चुकी है। वह बजट के लिए सरकार के पास भी भेजी हुई है। बोगदा पुल के फायर स्टेशन की पास तो मेट्रो ट्रेन की लाइन डलना है वहां की योजना तो निरस्त ही समझो। वर्तमान में जो समस्या नव बहार मंडी व नादरा बस स्टैंड में आ रही है, उसे तो नगर निगम को करते रहना चाहिए।
-ओपी भारद्वाज, सिटी इंजी व प्लानर, नगर निगम
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.