scriptoverloading and over speeding in buses | बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल | Patrika News

बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल

locationभोपालPublished: Jul 06, 2023 09:10:03 pm

Submitted by:

manish kushwah

-खरगोन बस हादसे से नहीं लिया सबक, ओवर स्पीडिंग-ओवरलोडिंग की भेंट चढ़ रहीं जिंदगियां

बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल
बे‘बस’ बसें लील रहीं जिंदगियां: 55 दिन में प्रदेश में 10 बड़े बस हादसों में 45 लोगों ने गंवाई जान, सौ से अधिक घायल
भोपाल. प्रदेश की सडक़ों पर दौड़ रहीं बसों का सफर कितना सुरक्षित है, इसकी हकीकत बयां करते आंकड़ें डराते हैं। प्रदेश में 55 दिनों में बसों के 10 बड़े हादसे हुए, जिनमें 45 लोगों ने जान गंवाई, वहीं 100 से अधिक घायल हुए हैं। नौ मई को खरगोन में हुए बस हादसे के बाद से परिवहन विभाग समेत यातायात पुलिस ने नियमों के पालन की सख्ती का दावा तो किया गया, पर ये हकीकत नहीं बन पाया। यहां बता दें, इन सभी बस हादसों में ओवर स्पीडिंग और ओवर लोडिंग की मुख्य वजह सामने आई है। बसों की रफ्तार अधिक होने से चालक इन पर नियंत्रण नहीं रख सका और इसकी कीमत यात्रियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ी। पत्रिका ने जब प्रदेश में लगातार बढ़ रहे बस हादसों की पड़ताल की तो इसके कई प्रमुख कारण सामने आए। इनमें सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग है। परिवहन विभाग ने बसों की गति नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता तो की है, पर इसका पालन नहीं किया जा रहा। इसके मुताबिक बसें अधिकतम 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन बसें 100 या इससे अधिक की रफ्तार पर दौड़ रही हैं।
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