असदुद्दीन ओवैसी की इस घोषणा को एमपी में उनकी एंट्री के तौर पर भी देखा जा रहा है। ओवैसी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन AIMIM यानि निकाय चुनावों में 7 शहरों में अपने कैंडिडेट उतारेगी. इन शहरों में राजधानी भोपाल के साथ ही इंदौर, जबलपुर, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम और खंडवा नगर पालिका शामिल है।
खास बात यह है कि ओवैसी ने जिन शहरों में अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रत्याशी उतारने की बात कही है, उनमें मुसलमानों की संख्या अन्य शहरों की अपेक्षा आनुपातिक रूप से ज्यादा है। 7 शहरों यानि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम और खंडवा में से जबलपुर को छोड़कर सभी शहरों में मुसलमान वोटर्स खासी तादात में हैं। यही कारण है कि ओवैसी ने अपनी पार्टी के लिए इन शहरों को चुना है।
वैसी के आने के बाद ध्रुवीकरण और तेज होगा- एक और तथ्य यह भी है कि AIMIM ने जिन 7 शहरों में चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है उनमें से 5 शहर मालवा—निमाड़ अंचल में हैं। भोपाल और जबलपुर को छोडकर शेष सभी शहर इंदौर, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम और खंडवा मालवा—निमाड़ इलाके में ही आते हैं. दो माह पूर्व खरगोन में दंगे हुए थे. दंगों के बाद हो रहे चुनावों में जबर्दस्त ध्रुवीकरण की बात कही जा रही थी. अब ओवैसी के आने के बाद यह ध्रुवीकरण और तेज होगा. राजनैतिक विश्लेषक बताते हैं कि ऐसे में कांग्रेस को कुछ नुकसान हो सकता है।