जो मैसेज वायरल हुआ था उसके अनुसार बच्ची के लिए 15 किलो के ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। भोपाल के समाजसेवी और अस्पताल संचालक ऑक्सीजन के इंतजाम में जुट गए। कलेक्टर अविनाश लवानिया और एडीएम दिलीप कुमार यादव भी रात तक कॉर्डिनेट करते रहे। रात 2 बजे जब ट्रेन भोपाल स्टेशन पहुंची, तब वहां ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ चाइल्ड स्पेशलिस्ट भी मौजूद थे। निकिता प्रवीण सहारे की 24 दिन की बच्ची को तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया। शहर के समाजसेवी पंकज सूद, रिषभ शर्मा व अन्य ने कोरोना काल में कई लोगों की मदद की। आज भी ये लोग ऑक्सीजन की जरूरत पडऩे पर कहीं भी मदद को तैयार रहते हैं। मैसेज मिलने के बाद भी ये लोग सक्रिय हो गए थे। बच्ची के परिजनों ने ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तय भुगतान भी किया है।
वर्जन
मैसेज वायरल होने के बाद हम लोग भी सक्रिय हो गए। रात को जेपी अस्पताल और नेशनल अस्पताल की मदद से बच्ची तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया। डॉक्टरों ने भी उसके हेल्थ की जांच की। कई और समाजसेवी भी मदद कर रहे थे।
दिलीप कुमार यादव, एडीएम, भोपाल
– नागपुर से दिल्ली के लिए चली ट्रेन में 24 दिन की एक बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था, रास्ते में उनका ऑक्सीजन सिलेंडर फेल हो गया,
– सोशल मीडिया पर चले मैसेज पर दौड़े समाजसेवी, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसर