मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबलपुर के मुनेश्वर चंद्र डावर को यह पुरूस्कार मिला ज्ञात हो कि डावर कम शुल्क पर सस्ती सेवाएं दे रहे है। जिन्हें चिकित्सा सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। जिसे लेकर उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं। सम्मान मिलने पर मुनेश्वर चंद्र डाबर ने कहा कि इस तरह के सम्मान से काम करने का मोटीवेशन मिलता है यह सम्मान काफी ज्यादा उत्साहवर्धक है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि 1972 से स्वास्थ्य सेवाएं देना शुरू किया था उस समय 2 रूपए फीस लेता था। 1986 से 3 रुपए बतौर फीस लिया। 25 साल की प्रैक्टिस के बाद 1997 में 5 रुपए फस लेना शुरू किया। 2012 में फीस बढ़ाकर 10 और 2022 में फीस 20 लेना शुरू किया है। उनके इस नेक कार्य की वजह से उन्हे पद्मश्री पुरूस्कार मिला है।
कला के क्षेत्र में
कला के क्षेत्र झाबुआ के दंपती रमेश-शांति परमार को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। ज्ञात हो कि दोनों 30 वर्षों से आदिवासी गुड़िया बना रहे हैं। शांति बताती हैं कि जनजातीय परियोजना के तहत आदिवासी गुड़िया बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता था इसके बाद ससुर और अन्य स्वजन के सहयोग से उन्होंने यह विधा सीखी, बाद में यही विधा परिवार की आजीविका का साधन बन गई।