भूरी बाई बरिया का जीवन गरीबी में बीता है। अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद भूरी बाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी चित्रकारी का शौक ही मेरी पहचान बन जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे लिए बाहर जाना तो दूर की बात है, मुझे तो ठीक से हिंदी भी बोलनी नहीं आती है। मेरा बचपन गरीबी में बीता है, लेकिन अब खुशी है कि मैं अपने बच्चों के लिए कुछ पाई हूं।
सुमित्रा महाजन 1979 से लगातार आठ बार का इंदौर से सांसद बनीं। इंदौर में वह ‘सुमित्रा ताई’ के नाम से लोकप्रिय हैं। उनके राजनीतिक जीवन की खास बात यह है कि वह देश की पहली महिला हैं जो लोकसभा चुनावों में कभी हारीं नहीं।
लोक कलाओं के गहरे जानकार, लोक संस्कृतिवेत्ता डॉ. कपिल तिवारी का, जिन्हें पद्श्री सम्मान देने की घोषणा सोमवार शाम को हुई। नवदुनिया से चर्चा में श्री तिवारी ने बताया कि इस बात की ज्यादा खुशी है कि यह सम्मान प्रदेश की जनजातीय चित्रकार भूरी बाई को भी मिला है। मैने किसी सम्मान के लिए कभी आवेदन नहीं किया। यह अच्छी बात है कि सरकार ने मेरे काम को सराहा है।