scriptपानी और हरियाली के संगम में बिखरे रंग | painting | Patrika News
भोपाल

पानी और हरियाली के संगम में बिखरे रंग

भारत भवन की रंगदर्शनी दीर्घा में रुपाभ शृंखला में सोलो पेंटिंग एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है

भोपालDec 12, 2019 / 01:50 am

Pradeep Kumar Sharma

पानी और हरियाली के संगम में बिखरे रंग

पानी और हरियाली के संगम में बिखरे रंग

भोपाल. भारत भवन की रंगदर्शनी दीर्घा में रुपाभ शृंखला में सोलो पेंटिंग एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान बुधवार की शाम प्रकृति के रंगों से रंगी हुई दिखी। पेंटिंग में झील का नीला पानी आंखों को सुकून दे रहा है, हिमालय की बर्फीली पहाडिय़ां आत्मिक आनंद दे रही हैं। बिहार के वीरेंद्र कुमार ने अपनी पेंटिंग्स में नेचर की इस खूबसूरती को बाखूबी उकेरा है। इस एग्जीबिशन में वीरेंद्र ने 46 पेंटिंग प्रदर्शित की, जो ‘मूड्स ऑफ नेचर्य थीमपर हैं। उनकी सभी पेंटिंग एक्रेलिक मीडियम में है।
वाटर पर बना चुके 20 हजार पेंटिंग
वीरेंद्र ने बताया कि पेंटिंग में नेचर के मूड को दिखाने की कोशिश करता हूं। मैं इन्हें एरियल व्यू दृष्टिकोण के साथ बनाता हूं। जैसा मैं यात्राओं के दौरान हवाईजहाज या पहाड़ की ऊंचाई से देखता हूं, उसे ही बनाता हूं। मैं कलर को फ्लो करता हूं। ब्रश का बहुत कम उपयोग करता हूं। मैं वाटर पर केंद्रित करीब 20 हजार पेंटिंग बना चुका हूं।
काले रंग का प्रदूषण
ड्रीम वॉक नाम में अपनी पेंटिंग के बारे में वीरेंद्र ने बताया कि इस पेंटिंग में पानी और हरियाली को दिखाया है। वहीं, काले रंग से प्रदूषण को दिखाने की कोशिश की है। प्रदूषण के कारण हमारी प्रकृति को भारी नुकसान हो रहा है और खूबसूरत रंगों के बीच काला रंग कई सवालिया निशान खड़े कर रहा है। वहीं लव इन द सी पेंटिंग में समुंदर की लहरों को खूबसूरती के साथ दिखाया है।
बुरी यादें हमेशा चुभती रहती हैं…
आलियांस फ्रांसिस में बुधवार को प्रत्यक्षीकरण एग्जीबिशन का शुभारंभ हुआ। यहां आर्टिस्ट एलेक्सिस सियो, प्रियांक भारद्वाज, सोमनाथ साहा, पूनम कुमारी और अभिषेक पांडे के आर्ट वर्क प्रदर्शित हैं। प्रदर्शनी 14 दिसंबर तक देखी जा सकती है। पूनम की तीन पेंटिंग डिस्प्ले हैं, जिसमें ह्यूमन नेचर व समय को लेकर काम किया है। पेंटिंग के माध्यम से बताने की कोशिश की गई है कि सूर्य की किरण तेज होती जा रही है, जिसके कारण पानी खत्म होता जा रहा है। एक अन्य पेंटिंग में दिमाग दिखाया है। इसमें दिखाने की कोशिश की गई है कि बुरी यादें हमेशा चुभती रहती हैं, जिसे काटों द्वारा दर्शाया है। इस पेंटिंग को बनाने में एक हफ्ते का समय लगा।
ग्रामीण जीवन से दशहरे तक का सफर
स्वराज भवन में कर्नाटक के मंजूनाथ माने की चित्र प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है। कर्नाटक सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ कन्नड़ एंड कल्चर के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी में 12 चित्र हैं। इनमें ग्रामीणों की वेशभूषा और महिलाओं के श्रंगार दिखाई देते हैं, वहीं मैसूर के दशहरे की रौनक, हम्पी के मंदिरों में लोगों का जमावड़ा और अखंड शिला पर 400 सीढिय़ां चढ़कर नंदी तक पहुंचते श्रद्धालु नजर आते हैं।

Hindi News / Bhopal / पानी और हरियाली के संगम में बिखरे रंग

ट्रेंडिंग वीडियो