शहर की पहचान के साथ इकबाल मैदान का अपने आप में एक इतिहास है। कुछ साल पहले यहां कई काम हुए थे। इनमें फव्वारे लगाने से लेकर गार्डन तक विकसित किया गया। देखरेख के अभाव में यहां की बाउंड्री कई जगह से टूट गई थी। वहीं फव्वारे भी बंद हैं।
ऐसे में इसे बचाने को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने आवाज उठाई। नगर निगम ने सुधार की दिशा में काम तो किया लेकिन अधूरे इंतजामों के साथ। इसकी बाउंड्री की दीवारों पर चित्रकारी की गई है। लेकिन कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी दीवारों में सुधार नहीं हुआ। इसे लेकर नगर निगम को शिकायत भी हुआ। इसके बाद कुछ स्थानों पर काम कर छोड़ दिया गया। जमीयत उलेमा के इमरात हारून ने बताया कि इस मामले में शिकायत की गई थी।
हरीश गुप्ता, उपायुक्त नगर निगम
– इकबाल मैदान में कई तख्तियां लगी थी जिस पर अल्लामा इकबाल के शेर लिखे थे। अनदेखी के चलते ये बर्बाद हो रहा है। सुधार की दिशा में नगर निगम ने काम किया तो है लेकिन अब तक सभी पूरे नहीं कराए।
इमरान हारून, जमीयत उलेमा