कांग्रेस को भरोसा है कि आमजन कांग्रेस पार्टी के साथ है। वर्ष 2018 के चुनाव में लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया था, लेकिन भाजपा ने उनके विधायकों को तोड़कर खरीद-फरोख्त कर अपनी सरकार बना ली। प्रदेश की जनता समझदार है। भाजपा सरकार में हर वर्ग परेशान है। किसानों को फसल के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं, कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, महंगाई चरम पर है, उद्योग धंधे चौपट है, लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है। पार्टी का उम्मीद है कि पंचायत चुनाव में उन्हें इसका लाभ होगा।
जिताउ उम्मीदवार ही रहे मैदान में
पंचायत चुनाव वैसे तो दल के आधार नहीं होते, लेकिन यह भी सही है कि इसमें दल अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल होते हैं। इसलिए कांग्रेस ने जिला स्तर पर निर्देश दिए हैं कि सभी में समन्वय रहे। उम्मीदवारी को लेकर सामने आ रहे नामों में जिताउ का ही चयन करें। प्रयास हो कि पार्टी के लोग एक दूसरे के मुकाबले न खड़े हों। तय किया गया है कि इस मामले में प्रदेश स्तर से दखल नहीं दिया जाएगा, यदि जिले स्तर पर कोई दिक्कत आती है तो प्रदेश स्तर से मामले का निपटारा किया जाएगा।
हमारी तैयारी पूरी है, ग्रामीण कार्यकर्ताओं को प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पहले से ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे अपने इलाके में सर्वे के आधार पर जिताउ उम्मीदवार का नाम तय करें। इसी आधार पर काम शुरू हो रहा है।
– राजीव सिंह, महामंत्री मप्र कांग्रेस