बुधवार को सुबह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही राज्य निर्वाचन आयोग में गहमागहमी बढ़ गई थी। चुनाव के संबंध में शीर्ष अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं जिनके परिपालन के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त ने वरिष्ठ अधिकारियों से विचार विमर्श किया. दिनभर बैठकों और बातचीत का दौर चला और अंतत: रात को आयोग ने कार्यक्रम की घोषणा कर दी. चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा के अनुसार प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए कलेक्टरों से अन्य सुझाव भी मंगाए हैं. कलेक्टरों को पंचायत चुनाव के लिहाज से हर स्थिति में तैयार रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव एक ही दिन कराए जाने की भी बात-राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराने की घोषणा के साथ ही आयोग ने राज्य सरकार से जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव एक ही दिन कराए जाने की भी बात कही है। पंचायत चुनाव की तैयारियों के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर से भी जानकारी तलब की है। तीन चरणों में चुनाव कराने के लिए आवश्यक तैयारियों की जानकारी कलेक्टर को हर हाल में 20 मई तक भेजने को कहा गया है।
इधर प्रदेश सरकार ने मेयर-अध्यक्ष को सीधे जनता द्वारा चुनने संबंधी अध्यादेश को राजभवन से वापस बुला लिया है। बुधवार को अचानक अध्यादेश वापस बुला लेने से इस पर फिर असमंजस की स्थिति बन गई है। गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने संबंधी अध्यादेश राज्य सरकार ने ही मंजूरी के लिए राजभवन भेजा था।