scriptमंत्रालय में पांच आईएएस भ्रष्टाचार के पांडव | Pandavas of five IAS corruption in ministry | Patrika News

मंत्रालय में पांच आईएएस भ्रष्टाचार के पांडव

locationभोपालPublished: Sep 29, 2018 05:00:26 pm

Submitted by:

harish divekar

चुनाव से पहले बांटा अफसरों का पर्चा, सीएम को भेजा लिफाफा, बताया अपने आप को सचिव स्तर का अधिकारी

vallbh bhavan

mp assembley

चुनाव से ऐन वक्त पहले प्रदेश के पांच बड़े आइएएस के काले कारनामों की पोल खोलते हुए एक पर्चा चार इमली से लेकर मंत्रालय में बांटा गया है। चार पेज का यह पर्चा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी भेजा है। इसमें लिखा है कि मैं आपकी सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी हूं। आपको पांच ऐसे आईएएस के बारे में बताना चाहता हूं, जो भ्रष्टाचार के पांडव हैं।
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पर्चे में अफसरों की ये बातें
1 – एक प्रमुख सचिव ऐसे हैं, जिन्हें कम्प्यूटर साइंस में ग्रेज्युएशन के दौरान तीन बार बैक लगा था। इन्होंने सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में कम्प्यूटर साइंस छोड़ दूसरा विषय लिया था, लेकिन आज ये सरकार में आइटी विशेषज्ञ माने जाते हैं। ई-टेंडर गड़बड़ी इनके ही मस्तिष्क का कमाल है। इन्होंने अपने खास आइएएस को अपने ही विभाग में कमिश्नर के पद पर पदस्थ कराया। इनके कार्यकाल में ई-टेंडर में 80 हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ।

इन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर पत्नी को निजी कॉलेज में पदस्थ करवाया है।

2- दूसरे प्रमुख सचिव ऐसे हैं, जिनका अपना कॉकस है। पॉवर फुल प्रमुख सचिव के रिटायर होने पर उक्त मलाईदार कारपोरेशन का प्रभार अपने प्रिय अफसर को दिलाया। इनका शिक्षा से संबंधित समूहों से सांठ-गांठ है, इन्होंने एक प्रमुख सचिव को विभाग से हटवाकर कब्जा जमाया, जिससे वे नाराज होकर दिल्ली चले गए।

3- तीसरे प्रमुख सचिव ऐसे हैं, सरकार किसी की भी हो, लेकिन इनका पॉवर कम नहीं होता। ये अफसर और इनकी पत्नी दावा करते हैं कि मौजूदा मुखिया की ताजपोशी इन्होंने ने ही करवाई है। इन्होंने अपने चहेते उधोगपतियों को सरकारी जमीन दिलवाई। इनकी निजी प्रगति मॉरिशश, दुबई और साउथ अफ्रीका तक है। वहां की एक एयरलाइंस में भी इनकी भागीदारी है, भाई के नाम से संचालन करते हैं। पीएमओ में इनके खिलाफ जांच भी लंबित है।

इंदौर में कलेक्टर रहते हुए भी यह काफी चर्चा में रहे थे। ई-टेंडर गड़बड़ी में भी इनकी भूमिका संदिग्ध है।

4- चौथे प्रमुख सचिव ने अपनी पत्नी के नाम पर अवैध संपत्ति बनाई है। चंडीगढ़ की एक फर्म से पत्नी के नाम बड़ी राशि चैक से आने पर जांच की फाईल भी खुली थी। उपलोकायुक्त कार्यालय में इनकी जांच शुरू भी हुई थी, लेकिन उच्च स्तर के दबाव के चलते बंद हो गई। इनकी कुल घोषित संपत्ति 30 लाख थी, जो कि आज 17 करोड़ हो गई। इन्होंने अपने फलों के बाग से करोड़ों की आय बताई है।
5 – अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी बिगडैल स्वभाव के हैं। हैदराबाद की एक कंपनी से इनकी नजदीकियां सार्वजनिक हैं, लेकिन इन्होंने अपना इतना भय बना रखा है कि विभाग के छोटे अधिकारी चाहकर भी इनके गलत कामों पर कुछ नहीं बोलते।
इन्होंने अपने रिश्तेदारों के नाम अरेरा कॉलोनी में दो बंगले, सीहोर, राजगढ़, इंदौर और भोपाल में सैकड़ों एकड़ जमीन ली है। इनके एक विभाग से हटते ही दूसरे प्रमुख सचिव ने आते ही इनकी प्रिय कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया तो इन्होंने उन्हें हटवा दिया और विभाग का प्रभार ले लिया।

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