सड़क किनारे बने इस पार्क में खाली बोतले, टायर से लेकर कई सामान का इस्तेमाल हुआ। इसके बाद इसमें भरे रंग इसे मनमोहक बना रहे हैं। बताया गया कि रहवासियों ने इसके लिए पहल की थी। सभी ने इसके निर्माण को लेकर योगदान दिया है।
हरीघास इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है। शहर में अब तक कई पार्क नगर निगम ने विकसित किए हैं। पेड़ पौधों के साथ इनमें झूले और दूसरा सामान होता है। इस पार्क में कई आकृतियां बनाई गई है। जिसके कारण यह बाकी से अलग नजर आ रहा है। पास ही रहने वाले मुक्तेश ने बताया कि लोगों ने इसके लिए पहल की थी। कबाड़ का यह बेहतर प्रयोग है। इसमें पेड़ पौधों के साथ कई आकृतियां बनी हुई हैं।
खाली बोतल, टायर और बेकार हो चुके फर्नीचर का उपयोग
इस पार्क के निर्माण में खाली बोतल, टायर और बेकार हो चुके फर्नीचर का उपयोग किया गया है। इसके अलावा पाइप के टुकडे सहित कई चीजों का इस्तेमाल है। बताया गया कि यहां खाली जगह पड़ी हुई थी। जिसे पहले फेन्सिंग कर सुरक्षित किया गया इसके बाद यहां पेड़ पौधों लगाए गए।
इस पार्क के निर्माण में खाली बोतल, टायर और बेकार हो चुके फर्नीचर का उपयोग किया गया है। इसके अलावा पाइप के टुकडे सहित कई चीजों का इस्तेमाल है। बताया गया कि यहां खाली जगह पड़ी हुई थी। जिसे पहले फेन्सिंग कर सुरक्षित किया गया इसके बाद यहां पेड़ पौधों लगाए गए।
इसमें खूबसूरती बढ़ाने के लिए कई आकृतियां बनाई गई हैं। इन्हें बनाने के लिए बेकार सामान इस्तेमाल में लाया गया है। इस काम में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग और महिलाओं तक ने हिस्सा लिया। इसमें कई रंग भरे जाने के बाद अब कबाड़ से तैयार ये पार्क खूबसूरत नजर आ रहा है।
शहर में पार्क पर लाखों खर्च
नगर निगम ने शहर में पार्क विकसित करने के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। वहीं ये पार्क अपने आप में एक मिसाल है।
नगर निगम ने शहर में पार्क विकसित करने के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। वहीं ये पार्क अपने आप में एक मिसाल है।