सबसे ज्यादा बुरे हालात हाउसिंग बोर्ड और बीडीए के जरिए बनाई गईं कॉलोनियों में हैं। इन कॉलोनियों के नक्शे में पार्क और दूसरे संसाधनों के लिए जगह तो है लेकिन ये केवल कागजों तक सीमित है। धरातल पर जाकर देखे तो यहां या तो निर्माण हो चुके हैं या फिर कबाड़ जमा करने का स्थान बना दिया गया।
अशोका गार्डन में कई जगह हाउसिंग बोर्ड और बीडीए की कॉलोनियां हैं। पार्क के लिए जो जगह छोड़ी गई उसमें कई जगह झुग्गियां बन गईं। खासबात तो ये है कि ये बस्तियां थाने के पास बनी हैं।
इसके अलावा पंचशील नगर पंचशील नगर में इस तरह के हालात देखने को मिले। रहवासियों ने बताया कि यहां गल्र्स हॉस्टल के पास पार्क की जमीन पर रेत की डंपिंग हो रही है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कब्जे हो रहे हैं। शहर में कई और स्थानों पर इस तरह की स्थिति है। कार्रवाई न होने से कब्जेधारियों के हौसले बढ़ रहे हैं।
जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कब्जे शहर में बसाहट बढऩे के कारण सरकारी जगहों पर अतिक्रमण हो रहे हैं। इनमें पार्क की जगह मुख्य हैं। कई पार्क पर निर्माण हो गए हैं। कार्रवाई न होने के कारण कब्जाधारियों को हौसला मिल रहा है।
शहर के उद्यानों को संवारने के लिए नगर निगम अपनी ओर से कार्रवाई कर रहा है। इसके लिए अलग से बजट भी स्वीकृत है। कई उद्यानों में रखरखाव हो रहा है। नगर निगम सीमा में आने वाले पार्क में अगर अतिक्रमण है तो उसे हटा सुधार कराया जाएगा।