नेवरी मंदिर में पूरे माह बनेंगे पार्थिव शिवलिंग
लालघाटी स्थित प्राचीन नेवरी मंदिर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की जा रही है। यहां पूरे सावन माह में पार्थिव पूजन किया जाएगा। रोजाना शाम 4:30 से 6 बजे तक पार्थिव शिवलिंग पूजन किया जाता है, इसके बाद महाआरती और विसर्जन होता है। मंदिर के पं. विजय महाराज ने बताया कि सुख समृद्धि, खुशहाली के लिए यह विशेष आयोजन पूरे सावन माह में होता है।
लालघाटी स्थित प्राचीन नेवरी मंदिर में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की जा रही है। यहां पूरे सावन माह में पार्थिव पूजन किया जाएगा। रोजाना शाम 4:30 से 6 बजे तक पार्थिव शिवलिंग पूजन किया जाता है, इसके बाद महाआरती और विसर्जन होता है। मंदिर के पं. विजय महाराज ने बताया कि सुख समृद्धि, खुशहाली के लिए यह विशेष आयोजन पूरे सावन माह में होता है।
आर्थिक आधार पर आरक्षण की कामना
बाल हनुमान, काली मंदिर के सामने चूनाभट्टी में ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण समिति की ओर से पार्थिव शिवलिंग निर्माण के साथ ही पूजा अर्चना वैदिक पंडितों की मौजूदगी में की जा रही है। आयोजन आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करने की कामना के साथ किया जा रहा है। पं. यशोवर्धन द्विवेदी ने बताया, आयोजन के दूसरे दिन मिट्टी से सोमनाथ, नागेश्वर, त्रयम्बेकश्वर ज्योर्तिलिंगों का निर्माण किया गया। श्रद्धालुओं ने दो हजार रूद्र पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। पंचामृत से रूद्राभिषेक कर आरती की गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
12 ज्योतिर्लिंगों का निर्माण कल से
खेड़ापति हनुमान मंदिर पीपल चौराहा करोंद में दो अगस्त से 12 ज्योतिर्लिंग एवं सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा। सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा काका ने बताया कि हर साल होने वाले कार्यक्रम में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण सुबह 11 बजे से किया जाएगा। 9 को पूर्ण आहूति के साथ शिवलिंग विसर्जन चल समारोह निकाला जाएगा। शाम पांच बजे भंडारा होगा।
खेड़ापति हनुमान मंदिर पीपल चौराहा करोंद में दो अगस्त से 12 ज्योतिर्लिंग एवं सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जाएगा। सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष गौरीशंकर शर्मा काका ने बताया कि हर साल होने वाले कार्यक्रम में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण सुबह 11 बजे से किया जाएगा। 9 को पूर्ण आहूति के साथ शिवलिंग विसर्जन चल समारोह निकाला जाएगा। शाम पांच बजे भंडारा होगा।
सावन में फलदायी है पार्थिव शिवार्चन
पं. विष्णु राजौरिया ने बताया, पार्थिव शिवार्चन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रोग से निवृत्ति, वैवाहिक बाधा का निराकरण, संतान संबंधी कष्ट का निवारण और लक्ष्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव प्रकृति के देवता हैं, सावन भी प्राकृतिक रूप से सौंदर्य का माह होता है। ऐसे में प्रकृति की मिट्टी से शिवलिंग निर्माण से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और विशेष फल देते हैं।
पं. विष्णु राजौरिया ने बताया, पार्थिव शिवार्चन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रोग से निवृत्ति, वैवाहिक बाधा का निराकरण, संतान संबंधी कष्ट का निवारण और लक्ष्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव प्रकृति के देवता हैं, सावन भी प्राकृतिक रूप से सौंदर्य का माह होता है। ऐसे में प्रकृति की मिट्टी से शिवलिंग निर्माण से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और विशेष फल देते हैं।