राजधानी के पॉश इलाके में रहने वाली कविता (परिवर्तित नाम) का पांच साल पहले अपने पति से तलाक लेकर दूसरी शादी कर ली। पिछले महीने जब कविता ने अपना पासपोर्ट री-इश्यू कैटेगरी में आवेदन किया तो फॉर्म भरते वक्त पति के स्थान पर तो वर्तमान पति का नाम लिख दिया लेकिन एड्रेस पहले पति के घर का ही था।
नहीं लगाई तलाक की डिक्री
पुराना पासपोर्ट पहले पति के नाम और एड्रेस पर बना था। कविता ने दस्तावेज में तलाक की डिक्री नहीं लगाई थी। फाइल होल्ड होने के बाद यह मामला पॉलिसी सेक्शन को ट्रांसफर किया गया। विभाग ने कविता को नोटिस भेज जवाब देने को कहा। पासपोर्ट ऑफिस आने के बाद कविता को तलाक की डिक्री नहीं लगाने और आवेदन में गलत पता लिखने पर पांच हजार रुपए की पेनल्टी भरनी पड़ी।
यह दिया तर्क
कविता ने बताया कि मैंने एजेंट के माध्यम से आवेदन किया था। मैंने एजेंट को पहले पति से तलाक की बात बताई थी, लेकिन उसने आवेदन में यह जानकारी नहीं भरी। तलाक के पांच साल बाद अपने सभी दस्तावेजों में एड्रेस चेंज कराने का वक्त नहीं मिल पाया लिहाजा मैंने पुराने पते के दस्तावेज पेश किए थे। इस मामले में रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर रश्मि बघेल का कहना है कि पासपोर्ट के लिए आवेदक सावधानी से आवेदन भरे। आवेदक अपने वर्तमान और स्थायी दोनों एड्रेस की जानकारी भरें। इसके अलावा जो भी जानकारी है उसे आवेदन के वक्त ना छिपाएं, ऐसा करने पर आवेदक पर जुर्माने का प्रावधान है।