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भोपाल

अफसरों ने पाथ-वे को बता दिया डंपरों का रास्ता! जानिये इसके पीछे का सच

बड़ा तालाब पाथ-वे : खानूगांव से कोहेफिजा तक निर्माण कार्य बंद, रविवार को गायब हो गए डंपर और जेसीबी मशीनें

भोपालMar 18, 2019 / 11:52 am

Pushpam Kumar

Big Pond

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भोपाल. बड़े तालाब के कैचमेंट में खानूगांव से कोहेफिजा तक 2.5 किमी लंबे पाथ-वे का निर्माण नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह की फटकार के बाद रोका गया। रविवार को डंपरों की आवाजाही नहीं हुई और जेसीबी मशीनें भी हटा ली गईं। आम चुनाव के मौके पर शहर के सबसे बड़े मुद्दे बड़ा तालाब को छेडऩे और लोगों की नाराजगी मोल लेने के मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री ने निगमायुक्त को कंस्ट्रक्शन रोकने कहा था। अब झील संरक्षण प्रकोष्ठ के अफसरों का दावा है कि पाथ-वे बनाने की योजना कभी थी ही नहीं। वहां तो तालाब से निकला सिल्ट डंप किया जा रहा था। इसे लोडकर वीआइपी रोड तक लाने डंपरों का रास्ता बनाया जा रहा था जिसे पाथ-वे का नाम दे दिया गया। उल्लेखनीय है कि 13 मार्च को इस मुद्दे पर निगमायुक्त ने कहा था कि पाथ-वे निर्माण बगैर ईंट और सीमेंट को जोड़े हो रहा है। इससे एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट और मास्टर प्लान की अवमानना नहीं हो रही है।

सरकार को झेलना पड़ेगा लोगों का विरोध
पाथ-वे कंस्ट्रक्शन की खिलाफत कर रही वॉच लीग संस्था ने मामले में कांग्रेस सरकार को लोगों का विरोध झेलने की चेतावनी दी है। संस्था की संयोजक चंदना अरोड़ा ने कहा कि पुराने शहर के दो कांग्रेसी नेताओं के दबाव में निगमायुक्त पिछले 15 दिनों से पाथ-वे बनवाने कैचमेंट में पुराई करवा रहे हैं, इससे लोगों में भारी आक्रोश है। मामले में मंत्री जयवद्र्धन सिंह को लिखित आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी।
मंत्री सिंह से मिलकर करेंगे चर्चा
पूर्व डीजी लोकायुक्त अरुण गुर्टू ने बड़ा तालाब पाथ-वे निर्माण मामले में आपत्ति दर्ज करवाई है। गुर्टू ने नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह को लिखे पत्र में निगमायुक्त बी.विजय दत्ता की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। ये सवाल भी पूछा है कि जब सरकार ने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई तो फिर निगमायुक्त किसके दबाव में इस तरह तालाब के अंदर कंस्ट्रक्शन करवाने पर अड़े थे। गुर्टू ने इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री से सोमवार को मिलने का वक्त मांगा है।

बर्बाद नहीं होने देंगे
पाथ-वे की जरूरत ही नहीं है। वीआईपी रोड पर पाथ-वे पहले से है, जो आमजन के लिए काफी है। जरूर ऐसी पहल की है, जिससे तालाब बचाया जा सके, न कि उसमें मलबा डालकर उसे पाटा जाए। तालाब सभी शहरवासियों की जरूरत है और इसका संरक्षण करना सबकी जिम्मेदारी है। हलालपुरा से लेकर बैरागढ़ भैसाखेड़ी तक तालाब पर मिट्टी डालकर अवैध कब्जे किए गए हैं, उन्हेें भी खाली कराना चाहिए।
हाजी मोहम्मद इमरान हारून, अध्यक्ष, जमीयत यूथ क्लब मप्र

बड़े तालाब से सटी वीआईपी रोड के आसपास जो भी बन रहा था, उसे बंद करा दिया गया है। निगमायुक्त से मामले में लिखित रिपोर्ट मांगी है। हमारे लिए तालाब सबसे ज्यादा जरूरी है। लोगों को यदि आपत्ति है तो यहां कोई काम नहीं होगा।
जयवद्र्धन सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री

बड़ा तालाब शहर और प्रदेश की महत्वपूर्ण धरोहर है। इससे छेड़छाड़ करने की किसी भी योजना का समर्थन नहीं किया जा सकता। अफसरों को इस तरह मनमानी नहीं करना चाहिए।
आलोक संजर, सांसद

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