शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
समाजसेवियों एवं सामाजिक संस्थाओं ने सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा शुरू करनेक की मांग की है, साथ ही यहां स्थायी सोनोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने के लिए ज्ञापन सौंपे गए हैं, पर इसके बाद भी सुनवाई नहीं की गई। पेट एवं इससे संबंधित रोगों के इलाज के लिए आने वाले मरीजों को जांच के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है।
निजी सेंटर्स काट रहे चांदी
सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी जांच नहीं होने से उपनगर में संचालित हो रहे निजी सेंटर्स प्रति जांच छह सौ से आठ सौ रुपए ले रहे हैं। कई सेंटर्स पर इससे अधिक राशि वसूली जा रही है। ऐसे में सिविल अस्पताल आने वाले मरीजों को निजी सेंटर्स के चक्कर काटना पड़ते हैं साथ ही मोटी फीसी भी चुकाना पड़ती है।
सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को बाहर से सोनोग्राफी करवाना पड़ती है। निजी सेंटर्स पर मरीजों को मनमानी फीस चुकाना पड़ रही है। अस्पताल में सिविल मशीन जल्द से जल्द शुरू की जानी चाहिए।
सुनील कुमार, स्थानीय रहवासी
अस्पताल में सोनोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है। इस बारे में पहले भी आला अधिकारियों को अवगत कराया है। सोनोग्राफी के लिये मरीजों को परेशानी न हो इसलिए इसके लिये अलग से सोनोलॉजिस्ट बुलाकर सोनोग्राफी कराई जाती है। हमारा प्रयास रहता है कि मरीजों को जरूरी सुविधाएं मिल सकें।
डॉ. अलका परगानिया, अधीक्षक, सिविल अस्पताल