भोपाल

जेपी अस्पताल में मरीज अव्यवस्था से परेशान, परिजन मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर भटकते रहे

मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाते परिजन, वीडियो हुआ वायरल

भोपालApr 11, 2023 / 09:53 pm

Shashank Awasthi

भोपाल. सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लेने के लिए लगातार दूसरे दिन मॉक ड्रिल हुई। इसी दौरान जेपी अस्पताल में एक मरीज अव्यवस्थाओं से परेशान होती नजर आई। वार्ड
ब्वाय ना मिलने पर परिजन खुद ही मरीज को स्ट्रेचर से एक विभाग से दूसरे विभाग के बीच भटकते रहे। अस्पताल में परेशान होते मरीज और परिजनों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा।
मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। वैसे हेल्प डेस्क मौजूद है वह हमेशा मदद करती है। इसके अलावा इमरजेंसी में डॉक्टर होते
हैं जो मरीज को देखते हैं। ऐसा हुआ है तो इस मामले में जांच कर कार्रवाई करेंगे।
60 साल की महिला एंबुलेंस से अस्पताल पहुंची थी

जानकारी के अनुसार टीटी नगर की रहने वाली 60 साल की शकुंतला देवी को एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। पैरों में दर्द के साथ सुन्नपन के कारण वे चल नहीं पा रही थीं। परिजनों को स्ट्रेचर तो
मिली मगर कोई वार्ड ब्वाय नहीं मिला था। जिसके चलते परिजन खुद स्ट्रेचर से महिला को इमरजेंसी लेकर पहुंचे। यहां जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें 52 नंबर कमरे में रैफर कर दिया। परिजन खुद
स्ट्रेचर से लेकर पहले फ्लोर पर पहुंचे। फिर डॉ. खान ने आकर मरीज को देखा और सिटी स्कैन के लिए लिखा।
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लगातार दूसरे दिन अस्पतालों में मॉक ड्रिल, ऑक्सीजन प्लांट चला कर देखी गई प्योरिटी

कोरोना से निपटने के लिए हो रही दो दिवासी मॉक ड्रिल के दूसरे दिन ऑक्सीजन की प्योरिटी और वार्डों तक इसकी सप्लाई की जांच की गई। हमीदिया अस्पताल में जरूरत पड़ने पर इसके ट्रांस्पोर्टेशन प्रक्रिया की भी ड्रिल की गई। वहीं कोलार स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जेपी अस्पताल तक के ऑक्सीजन प्लांट की प्योरिटी 93 से 100 फीसदी तक देखी गई।
हमीदिया अस्पताल
27 किलोलीटर क्षमता वाले प्लांट से जरूरत पड़ने पर यदि ऑक्सीजन सप्लाई करनी हो तो इसके लिए भी मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान ऑक्सीजन टेंकर को फुल होने में लगभग 10 मिनट का समय लगा। ऑक्सीजन की प्योरिटी की बात करें तो 95 फीसदी के करीब नापी गई।
जेपी अस्पताल
जेपी अस्पताल में दोनों प्लांट को चला कर देखा गया। जिसमें से एक से पूरे अस्पताल में सप्लाई भी की गई। यह प्लांट एनर्जी सेविंग मोड पर चलाए गए। जिसमें जरूरत के हिसाब से मशीन अपने आप शुरू और बंद हो रही थी। अस्पताल के एक प्लांट की प्योरिटी 93 और दूसरे की 94 फीसदी रही।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोलार
स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन प्लांट से जनरेट होने वाली ऑक्सीजन की प्योरिटी 99 से 100 फीसदी तक मिली। इस दौरान प्लांट से कनेक्टेड बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई भी चैक की गई। इस दौरान कहीं भी लीकेज की स्थिति नहीं बनी।

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