संस्था के सचिव पीबी वासनिक ने बताया कि कोचिंग की शुरुआत 15 अगस्त 2017 को की गई थी। बोर्ड की परीक्षा होने के बाद मार्च महीने में कोचिंग को बंद कर दिया गया था। परीक्षा का समय नजदीक आने पर गरीब बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करने के लिए फिर से कोचिंग शुरू की गई है। कोचिंग का संचालन समाज के वरिष्ठजन से मिलने वाले सहयोग से किया जाता है। संस्था को कोचिंग संचालित करने के लिए काफी लोग मदद करते हैं।
समाज के सहयोग से उठाते हैं पढ़ाई का खर्च
कोचिंग संचालन का खर्च समाज के वरिष्ठजन से मिलने वाले सहयोग से उठाया जाता है। समाज के कई लोग कोचिंग क्लास की व्यवस्था और शिक्षकों के मानदेय के लिए संस्था की आर्थिक मदद करते हैं। समाज से मिली आर्थिक मदद से समिति बीते एक साल से सफलता पूर्वक कोचिंग क्लास का संचालन कर रही है।
महंगी शिक्षा नीति का कर रहे विरोध
संस्था ने यह पहल महंगी शिक्षा नीति का विरोध करती है। संस्था के सचिव वासनिक ने बताया कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। फीस ज्यादा होने की वजह से प्राइवेट स्कूल में गरीब परिवार के बच्चे नहीं पढ़ सकते। इस स्थिति में गरीब बच्चों की मदद नि:शुल्क कोचिंग क्लास शुरू कर की जा सकती है। समाजसेवी संस्थाओं को इस दिशा में सोचना चाहिए।