scriptपत्रिका चेंजमेकर: राजनीति में शामिल महिलाओं को नीतियों का ज्ञान होना जरूरी | Patrika's Chenjmaker: Women's Resolution to Purify Politics | Patrika News

पत्रिका चेंजमेकर: राजनीति में शामिल महिलाओं को नीतियों का ज्ञान होना जरूरी

locationभोपालPublished: May 31, 2018 09:15:50 pm

राजनीति का शुद्धिकरण करने महिलाओं ने लिया संकल्प… अभियान में शामिल होकर साझा किए विचार

change makers meeting

पत्रिका चेंजमेकर: राजनीति में शामिल महिलाओं को नीतियों का ज्ञान होना जरूरी

भोपाल। राजनीति के शुद्धिकरण के लिए सबसे जरूरी बात नीति का ज्ञान होना है। यदि महिलाएं इस क्षेत्र में सफल होना चाहतीं हैं तो उन्हें नीतियों के ज्ञान के साथ आम नागरिक के मानस पटल को समझने की योग्यता का होना जरूरी है। पत्रिका ने देश की महिलाओ को चेंजमेकर अभियान में शामिल होने का मौका देकर राजनीति में स्वच्छता अभियान चलाने का अवसर दिया है।

इस अवसर का सही इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं को जिम्मेदारी के साथ आगे आना होगा। पत्रिका कार्यालय में गुरुवार को आयोजित हुजूर विधानसभा चेंजमेकर अभियान की बैठक में महिलाओं ने ये बातें कहीं। चेंजमेकर अभियान में शामिल समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं ने एक सुर में राजनीति में महिलाओं के किरदार को महत्वपूर्ण मानकर इसे सशक्त बनाने की वकालत की।

स्वच्छ राजनीति के लिए बदलाव जरूरी
गोविंदपुरा विधानसभा चेंजमेकर अभियान में शामिल महिलाओं ने राजनीति में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर चिंता जताई। पत्रिका द्वार चेंजमेकर अभियान के तहत गुरुवार को रजतविहार कॉलोनी में आयोजित बैठक में यह बात सदस्यों ने कही। महिलाओं ने कहा आज महिलाएं, पुरुषों से किसी मामले में कम नही है। राजनीति में उनकी भागीदारी बढ़ती है तो राजनीतिक स्वच्छता बढ़ेगी।

मेरा मानना है कि मदद के लिए दरवाजा खटखटाने से अच्छा है हम स्वयं दूसरों का दरवाजा बने और मदद करें। एक दिन में न सही लेकिन एक दिन जरूर देश में परिवर्तन आएगा।
-शिबानी घोष, समाजसेवी

आम जनता को वोट देते समय यह ख्याल जरूर रखना चाहिए कि वोट किसी चिन्ह को नहीं बल्कि व्यक्ति की योग्यतानुसार दें। ताकि हमारे नेता काम करने वाले हों।
-गुंजन चौकसे, एडवोकेट एवं सामाजिक कार्यकर्ता

जिसके पास पैसा, पावर और बैकग्राउंड राजनीति से संबंधित होता है वह राजनीति में आसानी से आ जाता है। ऐसे में वह लोग पीछे रह जाते हैं जिनके अंदर राजनीति में कुछ काम करने की सच में योग्यता रहती है।
-शीला पुरोहित, संचालिका, फनशाला

मेरे यहां 25 बुजुर्ग रहते हैं और उन्होंने कॉलोनी के अन्य बुजुर्ग के साथ एक टीम बनाई है जिसमें सभी एक दूसरे की हर प्रकार से मदद करते हैं। मेरा मानना है कि सभी को सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
-माधुरी मिश्रा, संचालिका, अपना घर

मेरा मानना है कि राजनीति शतरंज का खेल है जिसमें शह और मात दोनों शामिल होती है। एक राज्य को संचालित करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाना होता है।
-मिथिला कापसे, जिला उपाध्यक्ष ग्रामीण, बीजेपी

पहले लोग उन लोगों के पीछे भागते थे जो देश को सही दिशा में आगे ले जाते थे। लेकिन अब की स्थिति में परिस्थिति विपरीत हो गई है। जनता को राजनीति में उतरे व्यक्ति के बैकग्राउंड को देखकर वोट देना चाहिए।
-रूकमणी खानवे, जिला उपाध्यक्ष महिला कांग्रेस

राजनीति में कुछ लोग अच्छे तो कुछ खराब होते हैं। जहां पांच साल में राजनैतिक दलों का समय रहता है वहीं एक दिन जनता का भी आता है।
-लता देवरे, प्रदेश सचिव महिला कांग्रेस

मेरा मानना है कि बदलाव की शुरूआत हमें अपने आप से करना चाहिए। जिस दिन हम यह काम स्वयं से शुरू करेंगे तो उससे प्रभावित लोग आपके साथ स्वत: जुडऩे लगेंगे।
-सावित्री निंबूलकर, जिला उपाध्यक्ष महिला कांग्रेस

एक दिन में किसी भी तरह से देश में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। रोजाना किसी कार्य को निरंतर करने पर आता है। जनता और सरकार एक साथ मिलकर देश में बदलाव ला सकती है।
-संतोष कंसाना, शहरी जिला अध्यक्ष, कांग्रेस

युवा देश को युवा राजनीतिकज्ञों की जरूरत है। जिससे देश में नई सोच और नई दिशा मिले। मेरा मानना है कि युवाओं को अब राजनीति में आगे आना चाहिए।
-डॉ. रश्मि सक्सेना, ब्यूटीशियन और वेलनेस

जब स्कूल का नया सेशन शुरू होता है तो कई ऐसे बच्चे भी होते हैं जिनको भाषण देने में महारथ हासिल होती है। माता-पिता को उन बच्चों को राजनीति में आगे बढऩे देना चाहिए।
-अनीता पठोदिया, शिक्षिका

आजकल राजनीति में वह लोग उच्च पद पर जल्दी पहुंच जाते हैं जिनके परिवार में अधिकतर लोग राजनीति से जुड़े होते हैं। वहीं काम करने वाला व्यक्ति को पीछे करते जाते हैं।
-सरिता देशपांडे, बीजेपी

जब चुनाव का समय आता है तो पार्षद, विधायक का चेहरा सभी जगह दिखने लगता है। वहीं वोट के बाद से फिर उनका चेहरा विलुप्त हो जाता है। ऐसे नेताओं को राजनीति से दूर हो जाना चाहिए।
-बिंदिया खर्ब, बिजनेस

महिलाओं ने कभी भी अपने स्वयं के लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्हें जो कुछ भी मिला शांति पूर्वक ले लिया और उसी में खुश रहने लगी। इसी कारण से महिलाओं का तबका हर क्षेत्र में कम होता गया।
-वंदना जाचक, बीजेपी

इन दिनों आने वाले राजनेता अपने कामों से नहीं बल्कि पैसे की ताकत से आगे बढ़ते हैं। महिलाओं के पास पैसे की पावर नहीं है इस कारण वह राजनीति में कम प्रतिशत में है।
-कमलेश यादव, बीजेपी

राजनीति में जितनी महिलाएं तेजी से आगे आएंगी उतनी तेजी से राजनीति में शुद्धिकरण होगा। 33 प्रतिशत कोटा होने से कई महिलाएं राजनीति में आगे आई हैं।
-डॉ. आरएच लता, बीजेपी

कानून और अधिकार की जानकारी मिलने के कारण महिलाओं के अंदर बराबरी की प्रतिभा जागी है। जिसके कारण हर वो स्थान में स्वयं का अधिकार मांगने के लिए आगे आने लगी है।
-हंसकुंवर राजपूत, जिलाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा

गरीबों की मदद करने के लिए यदि कोई समाजसेवी आगे बढ़ता है तो राजनेता उन्हें वोट मांगने आए हैं कहकर उसके काम को प्रभावित करते हैं। वहीं स्वयं द्वारा किए गए काम का आंकलन करना जरूरी नहीं समझते।
-छाया ठाकुर, समाजसेवी

कम पढ़े लिखे राजनेता इस देश को नई दिशा देने के लिए सक्षम नहीं है। पढ़े-लिखों को राजनीति में आगे बढऩा चाहिए ताकि देश को नई दिशा और दशा दोनों मिल सकें।
-रीटा विश्वकर्मा, जिला मेधावी छात्र-छात्रा प्रभारी

पहले के समय में राजा और प्रजा को राजनीति के रूप में जाना जाता था। दोनों मिलकर राजनीति का निर्माण करते थे। आम जनता को भी पुराने समय की राजनीति की तरह आगे बढऩा चाहिए।
-राखी सिंगारे, रिसर्च स्कॉलर स्टूडेंट

पत्रिका की यह मुहिम बहुत ही अच्छी है। निश्चित तौर पर इससे जुडऩे से समाज के विकास में सहयोगी होने का अहसास हो रहा है।
-रूही साहू, गृहणी

राजनीति को भ्रष्ट और खराब कहने बस से काम नही चलेगा। अगर इसे स्वच्छ करना है तो जरूरी है कि इसमें अच्छे लोगों की भागीदारी हो।
-रंजना शारदा, गृहणी

निश्चित तौर पर यह मुहिम लोगों में एक नए तरह का विश्वास जगा रही है। इस मुहिम से जुडऩे के बाद यह अहसास हो रहा है कि छोटा ही सही पर समाज सुधार में हर कोई योगदान कर सकता है।
-नीलमणि साहू, गृहणी

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