पानी टैंकर के लिए बात की
पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से प्राइवेट संचालक चौबीस घंटे चांदी काट रहे हैं। पत्रिका एक्सपोज टीम ने ग्राहक बनकर कोलार रोड चीचली बैरागढ़ पर अरेलिया हाइट्स से पहले मेन रोड स्थित निजी बोर पर सुनील व अहसान और कोलार थाने के सामने अकबरपुर स्थित बोर पर ऋतिक से पानी टैंकर के लिए बात की। दोनों ही उनके मनमाने रेट पर पानी देने के लिए तैयार हो गए।
चीचली प्राइवेट बोर पर सुनील से सीधी बात:
रिपोर्टर: पानी का टैंकर चाहिए अंकित परिसर के लिए, कितने में दोगे?
सुनील: यह कहां पड़ता है?
रिपोर्टर: शराब की दुकान, ललिता नगर मार्केट से अंदर जाकर कॉलोनी में है, टंकी घर में ही बनी है, कितने में टैंकर मिलेगा?
सुनील: 350 रुपए में एक टैंकर मिल जाएगा, कितने टैंकर पानी चाहिए?
रिपोर्टर: दो टैंकर तो घर के टैंक में आ जाएंगे, सही दाम लगा लो। पानी पीने में कैसा है?
सुनील: (रिपोर्टर को एक तरफ ले जाकर नल से पानी चेक कराते हुए) एकदम अ’छा पानी है। हम भी इसी को इस्तेमाल करते हैं।
रिपोर्टर: हमें दूसरी जगह रोहित नगर में पानी मिल जाएगा, वहां कई टैंकर लगेंगे? कुछ रेट कम कर लेना?
सुनील: मिल जाएगा, लेकिन रात में सात बजे के बाद टैंकर डाल पाएंगे। लोकेशन देखने के बाद रेट बता पाएंगे, दूर पड़ेगा। ज्यादा खपत होगी तो कम भी दे देना।
रिपोर्टर: ऊपरी मंजिल पर सेकेंड फ्लोर पर एक टैंकर पानी देने का क्या लोगे?
सुनील: ग्राउंड फ्लोर पर 350 रुपए और ऊपरी मंजिल पर 500 रुपए से कम में नहीं दे पाएंगे।
रिपोर्टर: तुम्हारे पास कितनी गाडिय़ां हैं, रातभर में कितनी सप्लाई कर लेते हो?
सुनील: हमारे पास छह गाडिय़ां हैं। रातभर में 40-50 गाडिय़ां पानी सप्लाई कर देते हैं।
अकबरपुर बोर पर ऋतिक से बात:
रिपोर्टर: एक टैंकर पानी चाहिए, कितने रुपए में मिलेगा?
ऋतिक: अभी तो टैंकर बुक हैं, कहां पर पानी चाहिए? ग्राउंड फ्लोर पर एक टैंकर के 350 रुपए लगेंगे।
रिपोर्टर: दानिश कुंज से जेके हॉस्पिटल वाली रोड पर, मंदाकिनी कॉलोनी के पास। कितने लीटर पानी आता है एक टैंकर में?
ऋतिक: इस टैंकर में पांच हजार लीटर पानी आता है। अभी तो बुकिंग है। रात में और कल सुबह तक की बुकिंग हैं।
रिपोर्टर: सुबह तक दे दोगे, कुछ मेहमान आ गए हैं, इसलिए ज्यादा जरूरत है?
ऋतिक: वैसे तो सुबह तक बुकिंग है, लेकिन कोशिश करता हूं कि अभी डल जाए।
रिपोर्टर: फिर बताओ कब भेजोगे टैंकर?
ऋतिक: एक काम करो नम्बर ले जाओ और अपना नम्बर दे दो, आधा घंटे बाद फोन करके आ जाएंगे। या फिर अभी मेरे साथ चलकर जगह दिखा दो।
सालभर चलते मनमाने रेट
प्राइवेट टैंकर संचालक सालभर मनमाने रेट पर पानी का कारोबार करते हैं। शहर में किसी भी सीजन में पानी की आपूर्ति नगर निगम जलकार्य शाखा पूरी नहीं कर पाती, जिससे प्राइवेट टैंकर संचालकों की चांदी रहती है। जानकारों की मानें तो एक प्वाइंट से रोजाना औसतन 50 टैंकर सप्लाई किया जाता है।
आधा दर्जन से अधिक फिलिंग प्वाइंट्स
चूनाभट्टी से कोलार जाने वाले मुख्य मार्ग पर ही आधा दर्जन से अधिक फिलिंग प्वाइंट्स हें। दिन-रात यहां से टैंकर भरकर पानी सप्लाई किया जाता है। इनायतपुर में नगर निगम का वाटर फिलिंग स्टेशन है। इसके सिवा निजी टैंकर संचालक कोलार रोड के अकबरपुर, बैरागढ़ चीचली, नयापुरा आदि स्थानों से बिना शोधित कच्चा पानी सप्लाई करते हैं।
मनमानी की जा रही
चूनाभट्टी से लेकर गोलजोड़ तक 300 से अधिक बोर पानी सप्लाई करने का धंधा कर रहे हैं। ग्राउंड फ्लोर पर पानी देना होता है तो 450-500 रुपए और ऊपरी मंजिल पर पम्प से देना हो तो 600-700 रुपए प्रति टैंकर तक लिए जा रहे थे, लेकिन हाल ही में प्रशासन के सख्त रुख से कुछ कम दाम कर दिए हैं। फिर भी मनमानी की जा रही है। प्रशासन ने ग्राउंड फ्लोर के लिए एक टैंकर 250 रुपए और चार मंजिल के बाद ऊपरी मंजिल पर एक टैंकर डालने के 50 रुपए अतिरिक्त लेने का रेट निर्धारित किया है, लेकिन प्राइवेट टैंकर संचालक ग्राउंड फ्लोर पर एक टैंकर 350 रुपए और फस्र्ट फ्लोर से ही 150 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज कर रहे हैं, जो गलत है।
कलेक्टर के आदेश का भी नहीं हुआ असर
तत्कालीन कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े ने 07 फरवरी 2019 को यह आदेश जारी किया था कि बिना एसडीएम की परमीशन के 31 जुलाई 2019 तक प्राइवेट बोरिंग नहीं किए जाएंगे और बिना अनुमति के नलकूप खनन पर सामान जब्त कर एफआइआर की जाएगी।
उद्योगों की सप्लाई भी बंद की जानी थी
आदेश के अनुसार बांध, नदी, नहर, जलाशय, जलधारा, झरना, झील, नाला, बंधान, नलकूप और कुएं के पानी का व्यावसायिक व सिंचाई के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था। बोर या झील से पानी लेने वाले उद्योगों की सप्लाई भी बंद की जानी थी। इसके बाद भी चोरी से पानी किसी भी इस्तेमाल के लिए बेचा जा रहा है।
रसूखदारों के टैंकर, नहीं डालते हाथ
शहर में टैंकर से पानी सप्लाई करने का धंधा बहुत मुनाफे वाला है। हर महीने लाखों के बारे-न्यारे हो जाते हैं। जानकारों का कहना है कि इस धंधे में लिप्त रसूखदार दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों से जुड़े हैं और पानी के काम में सरकार को बिना राजस्व दिए ही मोटी कमाई कर रहे हैं। रसूखदारों के टैंकरों पर सरकारी अमला हाथ डालने से कतराता है।
टैंकर भरने और डालने के सरकारी रेट निर्धारित किए जा चुके हैं। यदि अधिग्रहीत बोर पर कोई गड़बड़ी की जा रही है तो उसकी जानकारी दीजिए, मैं कार्रवाई करूंगा।
– राजकुमार खत्री, एसडीएम