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Payment Apps: हैकर्स को लेकर जारी हुई ये चेतावनी, जानें बचने के उपाय…

locationभोपालPublished: Nov 23, 2019 05:20:01 pm

ध्यान रखें पेटीएम कभी भी एसएमएस या कॉल के जरिए केवाईसी नहीं करता है…

paytm issued a warning to customers on hackers

paytm issued a warning to customers on hackers

भोपाल। आॅनलाइन पैमेंट के जमाने में आज कल आॅनलाइन फ्रॉड भी कुछ ज्यादा ही हो रहे हैं। ऐसे में लगातार आ रही शिकायतें जहां बहुत मुश्किल से हल हो पा रही हैं। वहीं कई जगह तो साइबर क्राइम पुलिस तक इस मामले में तमाम कोशिशों के बावजूद सफलता प्राप्त नहीं कर पा रही है।
इसी तरह डिजिटल पेमेंट ऐप्स में धोखाधड़ी की खबरें भी लगातार सुर्खियों में बनी हुईं है। इसके तहत कभी केवाईसी के नाम पर, कभी पैसा रिफंड पाने के नाम पर तो कभी फिशिंग ई-मेल या एसएमएस के झांसे में आकर ग्राहक अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा गवां रहे हैं।
बताया जाता है कि ज्यादातर मामलों में UPI या पेमेंट गेटवे कंपनी द्वारा सही रेस्पोंस नहीं मिलने और जानकारी के अभाव में पीड़ित कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिशों को कमजोर कर इस समय में ये घटनाएं लोगों का मनोबल तोड़ रही हैं।
वहीं जानकारों की मानें तो ग्राहक की थोड़ी सी जागरूकता उसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स के जरिए होने वाली इस धोखाधड़ी से बचा सकती हैं। इसके लिए बस ग्राहक कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
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ऐसे बचें पेमेंट ऐप्स के जरिए धोखाधड़ी से:

फिशिंग से बचें…
हैकर इस प्रकार के फ्रॉड में ग्राहक को बोगस ई-मेल या एसएमएस लिंक भेजते हैं। ये लिंक बैंकों के लॉग-इन पेज और मोबाइल ऐप्स के लिंक की तरह होते हैं।
ग्राहकों को इन लिंक्स पर क्लिक करने के लिए कैशबेक या रिफंड का लालच दिया जाता है।

इस संबंध में साइबर एक्सपर्ट राहुल सिंह बताते हैं कि ग्राहक जब इस पर क्लिक करके अपनी जानकारी डालता है, तो वह हैकर के पास चली जाती है।
इसके बाद हैकर आपको करेक्ट वेबसाइट पर इनवेलिड मैसेज के साथ रिडायरेक्ट कर देते हैं। वहीं, मोबाइल ऐप में सर्वर इश्यू या इंटरनेट कनेक्शन का एर्र दिखाया जाता है।

वहीं जब हैकर ग्राहक से ऐप इंस्टॉल करवाते हैं, तब हैकर द्वारा मोबाइल की लाइट, एसएमएस, कॉल और कॉन्टेक्ट आदि की अनुमति देने के लिए कहा जाता है। अनुमति मिलते ही आपके एसएमएस, कॉन्टेक्ट और कॉल रिलेटेड डेटा सहित बहुत सी आपकी निजी जानकारी हैकर के पास चली जाती है।
विशिंग के ना हों शिकार….
सिंह कहते हैं कि फ्रॉड इस तरह की में धोखेबाज फोन पर आपसे आपकी निजी जानकारी पूछता है। धोखेबाज बैक, यूपीआई या पेमेंट गेटवे साइट का प्रतिनिधि बनकर केवाईसी अपडेट या अन्य किसी व्यवहारिक कारण के लिए ग्राहक को कॉल करता है।
इसमें वे ग्राहक से निजी जानकारी लेते हैं, जिससे पिन या पासवर्ड मालूम किया जा सके।

केवाईसी के नाम से हो रही धोखाधड़ी…
आज कल कई जगहों पर Paytm में केवाईसी के नाम पर धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं।
जानिये कैसे होती है धोखेबाजी…
इसमें फ्रॉड व्यक्ति यानि धोखेबाज खुद को पेटीएम कस्टमर केयर टीम का बताकर ग्राहक को कॉल करता है। वह ग्राहक से पेटीएम सर्विस को जारी रखने के लिए केवाईसी कंप्लीट करने के लिए कहता है। इसके लिए वह ग्राहक से ऐप डाउनलोड करने के लिए भी कहता है।
इसी ऐप के जरिए हैकर ग्राहक की जानकारी चुराकर उसका पेटीएम अकाउंट खाली कर देता है।

ऐसी घटनाओं में ग्राहक के मोबाइल पर पेटीएम के नाम से पहले एक एसएमएस भी भेजा जाता है, जिसमें कहा जाता है कि हम कुछ समय बाद आपका पेटीएम अकाउंट होल्ड कर देंगे, अपने पेटीएम केवाईसी को पूरा करें।
ऐसे बचें इससे…
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए ग्राहक को इस तरह के किसी भी झांसे से सावधान रहने की जरूरत है। पेटीएम ने स्वयं इस संबंध में चेतावनी जारी की है।
यहां आपको बता दें कि पेटीएम में केवाईसी अधिकृत केवाईसी प्वाइंट पर जाकर ही की जाती है या फिर पेटीएम का प्रतिनिधि स्वयं ग्राहक के घर आकर केवाईसी करता है। पेटीएम कभी भी एसएमएस या कॉल के जरिए केवाईसी नहीं करता है।
पैसे लेने के लिए कभी नहीं डालना होता यूपीआई पिन…
याद रखें जिस व्यक्ति ने रिक्वेस्ट का मैसेज भेजा है, वह आपसे पैसे मांगना चाहता है। आप अगर पे पर क्लिक करके यूपीआई पिन डाल दोगे, तो पैसे सामने वाले के अकाउंट में चले जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर अगर आपको किसी से पैसे चाहिए, तो आप उसे रिक्वेस्ट का मैसेज भेजें। ज्ञात रहे कि यदि कोई आपको पेमेंट ऐप के माध्यम से पैसे भेज रहा है, तो आपको कहीं भी यूपीआई पिन डालने या कहीं टैप करने की जरूरत नहीं है।

फ्रॉड से इस तरह बचें : how to become safe from online money fraud

1. अपने पास आने वाले किसी भी एसएमएस, ई-मेल या पॉप-अप को अच्छे से पढ़े।

2. ओटीपी, सिक्योर कोड, आईडी और रिक्वेस्ट के अंतर का ध्यान रखें।
3. हमेशा ऐप इंस्टॉल करने के लिए प्ले स्टोर का यूज करें और कंपनी के लोगो और स्पेलिंग को चैक कर लें।

4. किसी भी ऐप को अनुमति जरूरत के अनुसार ही दें या फिर वन टाइम अलाउ ही करें।
5. कैशबेक या रिफंड वाली स्कीमों से दूर रहें।

फ्रॉड हो जाने पर उठाएं ये कदम : first steps after fraud done …

1. फ्रॉड हो जाने पर बैंक और यूपीआई को कॉल करें, ताकि पेमेंट को फ्रीज़ किया जा सके या रिफंड किया जा सके।
2. किसी साइबर एक्सपर्ट की मदद लें और मामले की एफआईआर दर्ज करवाएं।

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