भोपाल

प्रसाद में पेन-पेंसिल-किताबों का चढ़वाया भोग

गणेश महिला उत्सव समिति की अनूठी पहल, , जरूरतमंदों को किया वितरित

भोपालSep 23, 2018 / 07:12 pm

Rohit verma

Ganesh Mahila Utsav Samiti’s unique initiative, distributed to the needy

भोपाल. बुद्धि के देवता के उत्सव को राजधानी की एक महिला उत्सव समिति अनूठे ठंग से मना रही है। बालगंगाधर तिलक स्थापना के उद्देश्यों को मानते हुए सामाजिक चेतना को प्रमुखता दे रही हैं। श्रद्धालुओं से प्रसाद की जगह पेन-पेंसिल-किताबों चढ़ाने का आह्वान किया। साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई शिक्षा उपयोगी सामग्री को सरकारी कॉन्सेप्ट स्कूल में जाकर जरुरतमंद बच्चों को वितरित की।
अनूठे प्रसाद के साथ बांटे एकत्र हुए कपड़े
लालघाटी के इंद्रविहार कॉलोनी में महिला सदस्यों की बाल गणेश महिला उत्सव समिति की अध्यक्ष व पेशे से शिक्षिका मौली बोस ने बताया कि समिति का यह पांचवां वर्ष है। उनके अनुसार यह शहर की एक मात्र ऐसी समिति है, जिसका संचालन सिर्फ महिलाएं करती हैं। मौली ने बताया कि प्रत्येक वर्ष गणेश स्थापना एक उद्देश्य के संकल्प के साथ की जाती है।
इस बार हमने प्रसाद के रूप में कॉपी-पेंसिल-किताब की चढ़ोत्तरी करवाकर उसे जरूरतमंद बच्चों के बीच वितरित करने का संकल्प लिया था। इसके लिए हमने अपने कार्यक्रम की जानकारी वाले पर्चे में यह प्रसाद चढ़ाने का अनुरोध भी लिखित में किया था। इस अनूठे प्रसाद के साथ यहां श्रद्धालुओं ने एक या दो बार उपयोग किए गए बच्चों के कपड़ों भी को अच्छे से पैक करके दिया। इसे हमने सरकार के कॉन्सेप्ट स्कूल में पढऩे वाले जरूरतमंद बच्चों में वितरित किया।
महिला सुरक्षा पर समिति दिलवाएगी एएसपी से मार्गदर्शन
समिति हर वर्ष रहवासी इलाके में रहने वाले तकरीबन सौ परिवारों के साथ गणेशोत्सव धूमधाम से मनाती है। समिति प्रत्येक वर्ष किसी भी क्षेत्र में सफल महिला को आमंत्रित कर घरेलू व कामकाजी महिलाओं के साथ बच्चों और बुजुर्गों को मार्गदर्शन दिलवाती है।
अध्यक्ष मौली बोस के अनुसार इस वर्ष एएसपी क्राइम रश्मि मिश्रा महिलाओं और छात्राओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ डिजिटल दुनिया से जुड़े अपराधों से सुरक्षा पर मार्गदर्शन देंगी। बीते वर्ष वर्तमान में शहडोल जिले की कलेक्टर आइएएस अनुभा श्रीवास्तव ने स्टूडेंट्स को कॅरियर संबंधी मार्गदर्शन के साथ तनाव से बचने की जानकारी दी थी।
 

बुजुर्गों की सहयोगी साबित हो रही है समिति
समिति की आस-पढ़ोस में रहने वाले बुजुर्गों को स्थापना स्थल तक लाने के साथ बच्चों से उनका संवाद भी करवाती है। विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त बुजुर्ग युवाओं व विद्यार्थियों से उनकी समस्याओं के बारे में सुनते हैं और अपने अनुभव का लाभ देते हैं। समिति की उपाध्यक्ष व सरकारी नौकरी में कार्यरत शोभा पांडे ने बताया कि यह संवाद इसीलिए भी करवाया जाता है कि बच्चे बुजुर्गों का सम्मान करना सीखने के साथ ही बुजुर्गों के एकाकीपन को भी इस प्रक्रिया के दौरान दूर कर सकें।
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