जिसके चलते हालात ऐसेे बन गए हैं कि सेंटर में वैक्सीन रखे-रखे खराब हो रही हैं। यह खुलासा तब हुआ जब तीन वैक्सीनेशन सेंटर द्वारा एक्सपायरी के डर से वैक्सीन के लॉट को लौटा दिया।
मामले की जांच हुई तो अधिकारी भी चौंक गए। दरअसल अगले तीन महीने में प्रदेश में वैक्सीन के 50 लाख से ज्यादा डोज खराब हो जाएंगे। अब अधिकारी भी मुश्किल में हैं कि इस लॉट को केन्द्र सरकार को वापस करें या लोगों के आने का इंतजार। स्टेट ड्रग स्टोर के पास कोवीशील्ड के 50 लाख से ज्यादा डोज हैं, जिसकी एक्सपायरी जुलाई और अगस्त तक ही है। अगर जुलाई तक इनका उपयोग नहीं किया गया, तो सभी वैक्सीन खराब हो जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक स्टोर में जो वैक्सीन उपलब्ध हैं उनमें से 29851 डोज जून में एक्सपायर हो जाएंगे। वहीं जुलाई में 20 लाख 17 हजार और अगस्त में 30 लाख 34 हजार डोज एक्सपायर हो जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 50 लाख लोगों बूस्टर सहित बच्चों को सेकेंड डोज और कई लोगों अन्य डोज बचे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को कोवीशील्ड उपलब्ध करा दी थी।
हाल ही में गुजरात में मेगा वैक्सीनेशन कैम्प का आयोजन किया गया था, जिसके लिए मप्र सरकार ने गुजरात सरकार को 12.50 लाख वैक्सीन के डोज दिए थे। जानकारी के मुताबिक यह सभी नियर एक्पायरी डेट के डोज थे।
11,91,65,175 : कुल वैक्सीनेशन
6,03,69,970 : फस्र्ट डोज
5,74,38,345 : सेकेंड डोज
13,65,860 : प्रिकॉशन डोज पत्रिका- व्यू : बूस्टर डोज फ्री हों तो बने बात
केन्द्र सरकार ने सभी लोगों को बूस्टर डोज लगाने की सलाह दी है। हालांकि 60 से अधिक उम्र वाले लोगों को यह डोज निशुल्क लगाए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग बूस्टर डोज सभी के लिए निशुल्क कर दें तो वैक्सीनेशन में तेजी आ सकती है। इसके साथ ही लोगों से भी अपील है कि वे संक्रमण से बचने के लिए हर हाल में वैक्सीन के सभी डोज लें।
इधर प्रदेश में एक बार फिर कोरोना के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। बीते पांच दिनों में ही प्रदेश में 204 मरीज मिल चुके हैं। हर दिन करीब 50 नए मरीज सामने आ रहे हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण राजधानी भोपाल में मिला, जहां पांच दिन में 45 मरीज पॉजीटिव पाए गए।