अतिक्रमण हटाने के लिए विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह ने भी नगर निगम आयुक्त को फरवरी 2019 में पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रहवासियों के कई प्रयासों के बावजूद नगर निगम अधिकारियों ने बड़ी फम्र्स द्वारा कब्जे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यावरण परिसर के सामने से बांसखेड़ी के बांस कारीगरों को विस्थापित करने के लिए यहां नाले के ऊपर जगह दी गई थी। महज 18 कारीगरों के नाम पर नगर निगम के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर सैकड़ों अवैध कब्जे करवा दिए। दूसरी ओर बांस कारीगर पर्यावरण परिसर के सामने फिर जाकर बस गए हैं, इससे विस्थापन तो हुआ नहीं, सार्वजनिक जमीन पर कारोबारियों के अवैध कब्जे हो गए। वे अब यहां बिना किराए दिए मोटी कमाई कर रहे हैं और लोगों को परेशानी हो रही है।
भरत नगर से दानापानी रोड पर बांसखेड़ी के विस्थापित बांस कारीगरों काम करने के लिए जगह दी गई थी। वहां अवैध कब्जे हैं तो स्थलीय परीक्षण करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
– हरीश गुप्ता, उपायुक्त, नगर निगम