जनता मांगे मोर, अब विकास पर जोर
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- चुनावी व योजना लक्ष्यों के हिसाब से होगा काम, विधानसभा के सत्र में रखा जाएगा बजट
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भोपाल
Published: February 20, 2022 08:49:44 pm
भोपाल। प्रदेश में चुनावी साल के पहले अब विकास कामों का महत्वपूर्ण समय है। नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे, इस कारण अब यही समय है जब ठोस काम करके सरकार अगले नवंबर तक विकास का मॉडल पेश कर सके। लेकिन, इसके साथ सरकार के सामने कुछ कामों की चुनौती भी है। इस कारण अगले वित्तीय वर्ष का बजट इन चुनौतियों को पूरा करने और चुनावी मंसूबों को आधार देने के हिसाब से तैयार कर लिया गया है। दरअसल, राज्य का आगामी वित्तीय साल का बजट प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर हो गया है। इसे अब 7 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में रखा जाएगा। इस बार बजट करीब ढ़ाई लाख करोड़ का होना है। इतना जरुर है कि कोई नया टैक्स नहीं रहेगा। प्रस्तावित बजट में किन सेक्टर्स और लक्ष्यों को प्राथमिकता पर रखा गया है, इस पर पढि़ए रिपोर्ट...
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ये महत्वपूर्ण लक्ष्य-
2024 तक नर्मदा जल- तकनीकी तौर पर देखे तो मध्यप्रदेश को 2024 तक नर्मदा जल के उपयोग का पूरा स्ट्रक्चर बनाना है। इस कारण अब दो साल का पीरियड सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए सिंचाई, बांध, नहर, पेयजल और उद्योग के जल उपयोग को लेकर अधोसंरचना बनाने का महत्वपूर्ण समय है। इसमें सारे अधूरे काम करने होंगे। इस कारण सिंचाई, बांध, नहर और पानी के लिए काफी बजट रखा जाना है। करीब साढ़े छह हजार करोड़ जल संसाधन और साढ़े तीन हजार करोड़ से ज्यादा नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के लिए रख ेजा सकते हैं।
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जल जीवन मिशन लक्ष्य-
प्रदेश में 2024 तक हर घर तक नल से पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार ने मुख्य बजट में जल मिशन को प्राथमिकता पर रखा है। इस कारण केंद्र से इसके लिए राशि मिलेगी। ऐसे में मध्यप्रदेश के लिए भी जल मिशन महत्वपूर्ण हो गया है। सरकार ने अगले तीन साल के लक्ष्य अभी से तय कर लिए हैं। इसलिए इसे भी प्राथमिकता से बजट आवंटन में रखा जा रहा है।
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निकाय-पंचायत चुनाव-
प्रदेश में नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों के चुनाव होना है। दोनों ही चुनाव कराने में कोरोना काल और कोर्ट केस की उलझनों से देरी हुई है। अब सरकार की मंशा इस साल दोनों चुनाव कराने की है। इसलिए स्थानीय स्तर पर विकास सहित प्रभावित करने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करना होगा। इसमें सडक़, बिजली, पानी और स्वच्छता सहित अन्य पहलु हैं। इसलिए इनके हिसाब से बजट रखना होगा।
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नवंबर 2023 के चुनाव-
नवंबर 2023 मेे होने वाले चुनावों के लिए कामों के लिए यह अहम साल है। भोपाल-इंदौर मेट्रो, पीएम आवास, स्मार्ट सिटी, बिजली इंफ्रा और स्मार्ट मीटर सहित अन्य कामों के लिए बजट रखना होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण पहलु है। आगे चुनाव में इन मुद्दों को लेकर भाजपा कोई चूक नहीं करना चाहती, इस कारण चुनाव में असर डालने वाले इन सभी सेक्टर के लिए बजट रहेगा।
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ये महत्वपूर्ण सेक्टर रहेंगे-
फिलहाल कोरोना के कारण स्वास्थ्य एक अहम सेक्टर है। इसलिए स्वास्थ्य पर काफी बजट रखा जा रहा है। इसके अलावा ऊर्जा, नगरीय अधोसंरचना, ग्रामीण अधोसंरचना, सडक़-पुल-पुलिया, स्मार्ट सिटी, स्वच्छता मिशन, कृषि-सिंचाई, शिक्षा-रोजगार आदि के लिए बजट प्रावधान प्राथमिकता पर हैं। प्रदेश में 55 से ज्यादा शहरों से गुजरने वाले बायपास निर्माण के लिए भी इस बार प्रावधान होंगे। इसके अलावा 60 लाख हैक्टेयर तक सिंचाई क्षमता विकसित की जानी है। उसके लिए भी अभी से काम करना होगा। मध्यप्रदेश को लॉजिस्टिक हॅब के रूप में पेश किया जा रहा है, इस कारण औद्योगिक क्लस्टर विकास के लिए भी बजट प्राथमिकता से रहेगा।
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वोटबैंक फैक्टर में ये अहम-
भाजपा में सत्ता और संगठन ने इस बार अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को सियासी नजरिए से महत्वपूर्ण माना है। साथ ही 52 फीसदी आबादी के कारण ओबीसी वर्ग भी प्राथमिकता पर है। इस कारण इन दोनों वर्गों को प्रभावित करने वाली योजनाओं को लेकर भी बजट प्रबंधन प्राथमिकता पर रहेगा। आदिवासी उपयोजना में मिलने वाली राशि को इसी क्षेत्र पर खर्च करने की प्लानिंग है। पहले यह राशि दूसरे मदों में भी खर्च करके बाद में समायोजित की जाती थी, लेकिन इस बार आदिवासी सेक्टर प्राथमिकता पर है।
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