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लॉकडाउन से पहले इब्राहिमगंज से लोगों का पलायन, कई घरों में डल गए ताले, कैसे टूटेगी कोरोना की चेन

locationभोपालPublished: Jul 11, 2020 10:02:59 pm

लॉकडाउन से पहले इब्राहिमगंज से लोगों का पलायन, कई घरों में डल गए ताले, कैसे टूटेगी कोरोना की चेन
– करोद, रातीबड़, बिलखिरिया तक लोगों का पलायन, बाहर गए लोगों को हुआ संक्रमण तो कैसे टूटेगी कोरोना की चेन

लॉकडाउन से पहले इब्राहिमगंज से लोगों का पलायन, कई घरों में डल गए ताले, कैसे टूटेगी कोरोना की चेन

लॉकडाउन से पहले इब्राहिमगंज से लोगों का पलायन, कई घरों में डल गए ताले, कैसे टूटेगी कोरोना की चेन

 

भोपाल. लॉकडाउन से पहले ही इब्राहिमगंज के कई परिवार क्षेत्र से पलायन कर जा चुके हैं। रविवार सुबह 5 बजे से लेकर 19 जुलाई तक एक सप्ताह के लिए यहां बैरीकेट्स लगाकर टोटल लॉकडाउन किया जा रहा है। ऐसे में यहां स्क्रीनिंग, जांच, सैम्पलिंग भी की जाएगी। कोई दुकान क्षेत्र में नहीं खुलेगी, जरूरत की वस्तुएं नगर निगम को सप्लाई करनी है। लेकिन कई लोग इन सब चक्कर में नहीं पडऩा चाहते, शनिवार शाम तक यहां से अपने परिवारों को लेकर करोद, रतीबड़ और बिलखिरिया की तरफ रिश्तेदारी में या अपने दूसरे घरों में रहने चले गए। लॉकडाउन से पहले ही यहां कई घरों में ताले डल गए। जो पुलिस प्रशासन की एक बड़ी असफलता भी है।

प्रशासन ने कोरोना की चेन तोडऩे के लिए यहां पहले की तरह लॉकडाउन के लिए आदेश जारी किया है। दो दिन पहले जारी किए आदेश के बाद भी लोग यहां बिना मास्क के घूम रहे हैं। दुकानें खुली हुईं हैं, लोग झुंड में घूम रहे हैं। ऐसे में यहां सख्ती का कितना पालन होगा ये रविवार को ही पता चलेगा, फिलहाल जिसे मौका मिल रहा है वह क्षेत्र छोड़कर जा रहा है। इब्राहिमगंज से पलायन कर दूसरे क्षेत्रों में रहने गए लोगों में से अगर किसी को कोरोना हुआ तो संक्रमण की चेन टूटने की जगह दूसरे क्षेत्र में पहुंच जाएगी। इससे साफ होता है कि पुलिस, प्रशासन का इस क्षेत्र में ध्यान ही नहीं है। सिर्फ लॉकडाउन के समय ही फोर्स तैनात किया जाएगा। अगर पहले से यहां सख्ती होती तो यहां से पलायन रुक सकता था। ऐसे में संक्रमण भी नहीं फैलता।

जहांगीराबाद की तर्ज पर जीतना होगा इब्राहिमगंज
शहर के पहले बड़े हॉस्टस्पॉट जहांगीराबाद में कोरोना संक्रमण सामने आने के बाद कई बिंदुओं पर एक साथ काम कर संक्रमण कम किया था। यहां डेढ़ माह से ज्यादा सख्ती बरती गई, तब कहीं जाकर संक्रमण कम हुआ। आज भी यहां की गलियों में बैरीकेट्स लगे हुए हैं। इन बिंदुओं पर किया था जहांगीराबाद में काम।

1. कोरोना पॉजिटिव आने के बाद पेशेंट को यहां से अस्पताल में शिफ्ट कर फस्ट कॉन्टेक्ट के लोगों को आईसोलेट कर उनके सैम्पल लिए गए। कुछ लोगों को घरों में क्वारेंटाइन किया तो कुछ लोगों को होटलों और अन्य स्थानों पर ठहरवाया। ऐसा कर यहां संक्रमण की चेन तोड़ी गई। इब्रहिमगंज में भी इसी स्ट्रेटजी पर काम कर संक्रमण रोका जा सकता है।

2. यहां के लोगों को बाहर जाने की बिल्कुल अनुमति नहीं थी, शहर खुलने के बाद भी यहां बैरीकेट्स लगाए रखे थे। लोगों का बाहर निकलना मना था। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी के लोग ही बाहर आ जा रहे थे। इब्राहिमगंज में इस पर सख्ती करनी होगी।
3. जहांगीरबाद क्षेत्र की घनी गलियों में रह रहे लोगों को बीसीएलएल की बसों में भरकर क्षेत्र से हटाकर होटलों, मैरिज गार्डन, धर्मशलाओं में ठहरवाया गया। इधर नगर निगम लगातार गलियों और घरों में सैनिटाइजेशन करता, तब कहीं जाकर संक्रमण खत्म हुआ। इब्राहिमगंज की संकरी गलियों में ऐसा ही करना होगा।

वर्जन

इब्राहिमगंज से लोग पलायन कर जा रहे हैं, ऐसी जानकारी हमारे पास नहीं है, लोगों को तो वहीं रहना चाहिए, क्योंकि कोरोना से भागना नहीं है, उससे डटकर लडऩा है। तबि कहीं जाकर कोरोना हारेगा। हमनें क्षेत्र में और सख्ती बैरीकेटिंग कराई है।
जमील खान, एसडीएम, शहर सर्किल

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