क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों ने बताया कि गैस पीडि़तों की इस कॉलोनी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे कॉलोनी को गोद लेने के साथ 2010 में सीवेज लाइन,सडक़ के साथ मकानों के मेंटेनेंस के लिए 16 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी। इस कॉलोनी को जीवन ज्योति कॉलोनी नाम दिया गया। उस समय ऑनन-फॉनन में विकास के बाद कॉलोनी को लाबारिश छोड़ दिया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड द्वारा छोड़ी खाली जगह पर लोग कब्जाकर अपने नाम से रजिस्ट्रियां तक करवाकर बेच रहे हैं। यहां भू-माफिया सक्रिय होने से कई जगह लोगों ने कब्जाकर लिया है। जिससे कॉलोनी का स्वरुप ही बदलता जा रहा है।
सीवेज लाइन और उसके चैम्बरों के टूटने से पहले ही यहां समस्या थी। अब भी सीवेज लाइन की दिक्कत लाइन पर लोड बढऩे के कारण रहती है। जिसके चलते क्षेत्र में गंदगी बढ़ी हुई है।
-शेख उमर- रहवासी
स्वच्छता अभियान का प्रशासन द्वारा खूब डंका पीटा जाता है,लेकिन यहां घरों के पीछे बन गए कचराघरों को साफ नहीं किया जा रहा है। कचरों के ढेर के कारण शाम के समय यहां मच्छरों की भरमार रहती है।
-साजिद अली-रहवासी
मकानों की छतें, छज्जे, दीवारे तक जर्जर हो चुकी है। मल्टी आवास होने के कारण लोग अपने-अपने घरों को तो दुरुस्त कर लेते है। मल्टी का मेंटेनेंस तो जिम्मेदारों का करना चाहिए।
-अनिस सलमानी, रहवासी
पूर्व मुख्यमंत्री की गोद ली कॉलोनी में गंदगी की अम्बार है। पहले इसे गैस पीडि़त कॉलोनी कहां जाता था। अब सफाई के अभाव में इसे गंदगी पीडि़त कॉलोनी कहना उचित होगा।
-कमरुउद्दीन दाहौदी, रहवासी व समाजसेवी