भवन अनुज्ञा की व्यवस्थाओं में खामियां: पकड़ में आए मामले
फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर से जारी कर दीं अनुमतियां, एफआइआर के निर्देश
भोपाल. भवन अनुज्ञा ऑनलाइन जारी होती है, जिसे आर्किटेक्ट-इंजीनियर जारी करते हैं, उच्चाधिकारी कभी-कभी मैन्युली भी इसे जारी करते हैं। भवन अनुज्ञा को चाक चौबंद करने के लिए की गई इन सारी व्यवस्थाओं में इतनी खामियां हैं कि अब फर्जी अनुज्ञाओं के लिए राह खुल गई है। स्थिति ये है कि हाल में जोन 17 वार्ड 75 में ऐसी अनुमतियां सामने आईं जिसमें फर्जीवाड़ा किया गया। बाहरी लोगों ने फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर से अनुमतियां जारी कर दीं। निगमायुक्त केवीएस चौधरी को मंगलवार को शिकायत मिली, इसके बाद निगमायुक्त ने पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने के लिए कहा है। ऑनलाइन अनुमति जारी करने वाले के डिजिटल हस्ताक्षर का फर्जी अनुमति जारी करने वाले उपयोग कर रहे हैं। बड़ी बात है कि जिन जेएस तोमर और महेश सिरोलिया के नाम व हस्ताक्षर से ये अनुमतियां जारी कीं, उनके पास उस जोन का प्रभार ही नहीं है। ऐसी हैं खामियां ऑटोमेटेड बिल्डिंग अप्रुवल सिस्टम भाग एक में एक निजी एजेंसी अनुमतियों का रखर खाव करती थी। अनुमतियों को लेकर कई सवाल भी उठे। इसके बाद ऑटोमेटेड बिल्डिंग अप्रुवल सिस्टम भाग दो तकनीकी खामियों से भरा रहा। कंसोल पर फाइलों की लंबी सूची ने अनुज्ञाएं बंद ही कर दीं, जिससे लोगों को दूसरा रास्ता अपनाना पड़ा। आर्किटेक्ट इंजीनियर्स को अपने स्तर पर अनुमतियों के अधिकार दिए, लेकिन स्थिति ये बनी कि तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया और मनमर्जी से अनुमतियां जारी कर दीं। कोलार में सबसे अधिक अनुमतियां दी गईं। इससे विवाद और गड़बड़ी की आशंका बनी।
मामला सामने आया है। इसे लेकर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। आगे से ऐसा न हो, इसके लिए भी काम किया जाएगा। केवीएस चौधरी, निगमायुक्त