पत्नी से अनबन के कारण पति ने अपनी ही पत्नी के अवकाश की जानकारी मांगने के लिए RTI लगाई थी। सूचना आयोग ने पति के आवेदन पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दे दिए। पत्नी रीवा के गुढ़ में पटवारी के पद पर पदस्थ है और पति क्षितिंद्र मोहन मिश्रा भोपाल के विंध्यांचल भवन स्थित विकास आयुक्त में सहायक ग्रेड 3 के पद पर हैं।
सूचना आयोग ने पत्नी की अपील पर पति क्षितिंद्र मोहन मिश्रा के आवेदन को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही रीवा के गुढ़ तहसील के अनुविभागीय अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी को सूचना के अधिकार सेक्शन 11 को नजर अंदाज करने पर फटकार भी लगाई और आयोग ने इस चूक को गंभीर चूक माना है।
आयोग ने कहा है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता रहना चाहिए, पर लोकहित से परे अनावश्यक जानकारी देने में सरकार के समय और संसाधन दोनों का नुकसान है। आयोग ने इस मामले में प्रथम दृष्टया पति की ओर से मांगी गई जानकारी को लोकहित में नहीं पाया। यह किसी कर्मचारी की निजी जानकारी से संबंधित है। आयोग ने कहा है कि हमारा काम घरेलु झगड़े के चलते कर्मचारियों की निजी जानकारी उपलब्ध कराना नहीं है। गौरतलब है कि इस प्रकार के कई मामले सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करने को निजता पर अतिक्रमण माना है।
अलग-अलग रहते हैं पति-पत्नी
पत्नी गुढ़ तहसील में पटवारी है और उनका 9 माह का बेटा भी है। उनके साथ सास प्रमिला मिश्रा, पति क्षितिंद्र मोहन मिश्रा और ननद उपासना मिश्रा रहती थीं। पति क्षितिंद्र मोहन मिश्रा काफी समय से अपनी पत्नी से अलग रहते हैं और दोनों में पारिवारिक झगड़े हैं। क्षितिंद्र मोहन मिश्रा ने अपनी पत्नी के 18 अप्रैल 2016 से अर्जित अवकाश की पूरी जानकारी की प्रमाणित प्रति मांगी थी।
यह भी है खास
-सूचना आयोग ने तत्काल प्रभाव से रीवा की गुढ़ तहसील के प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया।
-व्यर्थ की जानकारी देने में सरकार के समय और संसाधन को नुकसान न हो इसका ध्यान रखें।
-राज्य सूचना आयुक्त ने आदेश की प्रति रीवा संभाग के कमिश्नर डा. अशोक भार्गव और रीवा कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को भी भेजी है, जिससे वे सूचना के अधिकार प्रकरण के प्रति सजग रहें।