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personality: किसी को फ्री दवाएं देकर तो किसी के साथ त्योहार मनाकर बांट रहे खुशियां

locationभोपालPublished: May 23, 2022 07:50:17 pm

Submitted by:

Manish Gite

पर्सनालिटीः सामाजिक संस्थाओं से जुड़ने के बाद जरूरतमंदों तक पहुंचे डॉक्टर दंपती

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इंदौर/भोपाल। मेरे पास टाइम नहीं है…। यह वाक्या अक्सर हम किसी न किसी के मुंह से सुनते हैं, लेकिन समय का सदुपयोग कैसे किया जाए यह बात डॉ. रश्मि और अनुप कुमार गोयल से सिखी जा सकती है। दरअसल डॉ. रश्मि और अनुप गोयल पिछले कुछ साल से समाजसेवा से जुड़े हैं। दोनों ने ही रोटरी क्लब जॉइन किया ताकि वे किसी न किसी तरह समाज के लिए कुछ कर सकें, जरूरतमंदों की मदद कर सकें।

 

एमपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत डॉ. रश्मि गोयल ने कहा एक से डेढ़ साल में मेरा रिटायरमेंट होने वाला है इसलिए हम दोनों पति-पत्नी अभी से ही समाज सेवा के कार्यों में जुट गए हैं। रिटायरमेंट के बाद हम दोनों पूरे समय समाजिक कार्यों से जुड़े रहेंगे लेकिन अब भी किसी तरह समय निकालकर लोगों की मदद के लिए पहुंच जाते हैं। डॉ. रश्मि ने कहा जरूरतमंदों की मदद करने और उन तक पहुंचने के लिए ही हम सामाजिक संस्थाओं से जुड़ रहे हैं।

 

स्कूलों के बच्चों को भी देते हैं गाइडेंस, बेटे भी जुड़े हैं सेवा कार्यों से

कई सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के बीच जाकर हम उन्हें हाइजीन मेंटेन करने से लेकर सेनेटरी पेड और लड़कियों के उपयोग में आने वाली सामग्रियों से भी अपडेट कराते हैं। इसी तरह दिवाली हो या फिर होली और अन्य त्योहार ओल्ड सिटीजंस के साथ समय बिताने की भी पूरी कोशिश करते हैं ताकि उनका अकेलापन किसी तरह दूर किया जा सके। डॉ. रश्मि ने बताया पति डॉ. अनुप गोयल एमपी इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में चीफ मेडिकल ऑफिसर हैं और दो बेटे हैं जिसमें एक वॉशिंगटन में है और दूसरा बेंगलुरु में। दोनों ही बेटे भी अपने-अपने तरीके से जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

 

टेलीकम्यूनिकेशन के जरिए करते हैं जरूरतमंद मरीजों की मदद

डॉ. रश्मि ने कहा सर्दियों में लोगों को स्वेटर देना और वृध्दाश्रमों में जाकर बुजुर्गों के साथ समय बिताना, उन्हें जरूरत का सामान देना जैसे तमाम कार्य तो हम करते ही हैं लेकिन क्योंकि हम दोनों पति-पत्नी डॉक्टर हैं इसलिए जरूरतमंदों का टेली कम्युनिकेशन के जरिए इलाज करना, उन्हें दवाइयां उपलब्ध करना या गाइडेंस देने का काम करते हैं। हम ब्रम्हकुमारीज से भी जुड़कर सेवा कार्य कर रहे हैं, वहां सप्ताह में एक दिन बीमारियों से पीड़ित लोग आते हैं इसलिए हम वहां जरूर जाते हैं ताकि उन्हें दवाइयां और अन्य मदद दे सकें।

 

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