सस्ते के चक्कर में वे यूपी से डीजल लेना पसंद करेंगे। उत्तरप्रदेश में करीब 66 रुपए प्रति लीटर डीजल बिकना बताया गया है। एक अनुमान के मुताबिक मध्यप्रदेश में महंगे डीजल से करीब 30 फीसदी तक मांग में कमी आने की संभावना बन गई है। महंगे डीजल से उद्योगों पर भी असर देखने को मिलेगा।
MUST READ : Budget 2019 : जनता बोली रोजगार पर ध्यान नहीं, बढ़ेगी कालाबाजारी, कुछ ने कहा संतुलित है बजट
दरअसल केन्द्र और राज्य का टैक्स बढऩे से पहले मध्यप्रदेश में डीजल उत्तरप्रदेश की तुलना में पहले ही 2.40 रुपए लीटर महंगा था जो कि बढकऱ अब 4 रुपए तक महंगा हो गया है। ऐसे में बार्डर क्षेत्र के उद्योग, वाहन चालक यूपी से डीजल लेना पसंद करेंगे।
MUST READ : Passport: विदेश मंत्रालय ने कहा- आवेदक न छिपाएं जानकारी, वर्ना होल्ड हो जाएगा पासपोर्ट
एक्सपर्ट बताते हैं कि मध्यप्रदेश का डीजल का बिजनेस 30 फीसदी तक डी ग्रोथ में चला जायेगा। इससे सरकार के राजस्व की भी हानि होगी। कारोबारियों का कहना है कि टैक्स बढऩे से सर्वाधिक बिक्री में कमी का असर मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश की सीमा वाले संचालित पंपों पर देखने को मिलेगा।
मप्र में पेट्रोल-डीजल की कीमतें
ड्यूटी लगने से पहले ड्यूटी के बाद बढ़त (प्र/ली.)
पेट्रोल- 73.61 रु. 78.14 रु. 4.53 रु.
डीजल- 65.63 रु. 70.06 रु. 4.43 रु.
MUST READ : विधानसभा सदन में माननीयों के उपद्रव को हमेशा ‘कैद’रखेगा सचिवालय
डीजल पर जीरो था एडिशनल टैक्स
मप्र में डीजल पर पहले एडिशनल टैक्स जीरो था जो अब सेस लगने से 2 रुपए प्रति लीटर हो गया। इसी तरह पेट्रोल पर डेढ़ रुपए एडिशनल टैक्स लगता था वह बढकऱ 3.50 रुपए लीटर हो गया। वैट एक्ट में सेक्शन 9 के तहत विक्रय मूल्य की दर से टैक्स लिया जाता है।
ड्यूटी और राज्य का कर बढऩे से सीमावर्ती राज्य के लोग और लंबी दूरी वाले वाहन चालक उप्र से डीजल लेना पसंद करेंगे। ऐसे में हमारा डीजल के बिजनेस में कम से कम 30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। अजय सिंह, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप डीलर्स एसो.