मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही है। राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है, जहां पेट्रोल देशभर में सबसे महंगा है। पिछले दिनों ही अनूपपुर में पेट्रोल 100 रुपए लीटर के करीब पहुंच गया था। सोमवार को भोपाल में पेट्रोल के भाव 94.85 तय हुआ, जबकि डीजल का भाव 85.14 रुपए प्रति लीटर तय हुआ।
केंद्र सरकार से उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा ही हाथ लगी, लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि वो पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती कर थोड़ी राहत दे सकती है। राजधानी के सतीश शर्मा कहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल-डीजल के दाम कम करना चाहिए। पहले यही लोग विपक्ष में रहते थे और 70 रुपए के पार पेट्रोल हो गया था, उस पर देशभर में प्रदर्शन किया था। अब क्यों नहीं यह लोग जनता को राहत देना चाहते हैं। आम आदमी के घर का बजट बिगड़ गया है। केंद्र सरकार की बजाय अब शिवराज सरकार को अपने बजट में पेट्रोल और डीजल पर से टैक्स घटना चाहिए, जिससे आम लोगों को थोड़ी राहत दी जा सके। वहीं केए दुबे कहते हैं कि कई लोगों की नौकरी पर संकट आ गया है, घर परिवार और बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में सरकार बिल्कुल भी राहत नहीं दे रहे हैं। चुनाव के वक्त आम जनता को रिझाने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी करना बहुत ही गलत है।
मप्र पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन ने भी भी सरकार से मांग की है कि पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 3 रुपए प्रति लीटर तक घटाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को भी टैक्स जाता है, वहीं वर्तमान में वैट व सेस मिलाकर पेट्रोल पर 39 प्रतिशत और डीजल पर 28 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा रहा है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम काफी बढ़ गए हैं।