खुशखबरी : गिर सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, इस तरह दाम घटाने की तैयारी में सरकार
केन्दीय वित्त मंत्रालय द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली मौजूदा एक्साइज ड्यूटी को घटाने पर विचार कर रही है।

भोपाल/ पेट्रोल-डीजल पर लगातार बढ़ रही कीमतों ने जहां मध्यम वर्गीय व्यक्ति की जेब लगभग खाली कर रखी है, वहीं मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलें तो ऐसे हैं, जहां डीजल 90, तो पेट्रोल सेकड़े के पार जा पहुंचा है। आसमान छूती पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। खबर मिली है कि, केन्दीय वित्त मंत्रालय द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली मौजूदा एक्साइज ड्यूटी को घटाने पर विचार कर रही है। अगर सरकार द्वारा ऐसा किया गया, तो यकीनन पेट्रोल-डीजल के मौजूदा दामों में गिरावट आ जाएगी।
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15 मार्च तक कम हो सकते हैं दाम
इस संबंध में वित्त मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश समेत अन्य कुछ राज्यों से इसपर चर्चा भी की जा रही है, कि राज्य सरकारें भी प्रदेशिक स्तर पर लगने वाले वैट को भी कुछ हद तक कम करें। सरकार को उम्मीद है कि, राज्य सरकारें भी वैट कम करने पर सहमति दे देंगी। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र की मानें, तो अगर सब कुछ ठीक रहा तो, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में 15 मार्च तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आ जाएगी।
10 माह से लगातार बढ़ रहे हैं कच्चे तेल के दाम
अगर कच्चे तेल के दामों की बात करें, तो पिछले 10 माह के भीतर कच्चे तेल की कीमतों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है, जिसका लगातार असर पेट्रोल-डीजल के दामों में देखने को मिल रहा है। देश में बिकने वाले औसत पेट्रोल की कीमत पर गौर करें, तो ये 92 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की औसत कीमत 86 रुपये है। लेकिन, अगर मध्य प्रदेश के कुछ जिलों की बात करें, तो यहां पेट्रोल के दाम 100 के पार जा पहुंचे हैं, जबकि डीजल के दाम 90 के पार जा पहुंचे हैं।
आमजन के साथ साथ सरकार की भी चिंता
विभागीय सूत्रों की मानें तो, पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतें, जहां देश-प्रदेश के मध्यम वर्गीय व्यक्ति की चिंता बने हुए हैं, इससे कई ज्यादा सरकार के लिये भी समस्या बने हैं। इसी के चलते केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा इनपर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी घटाने की व्यवस्था कर रही है। मंत्रालय के अधिकारी इसपर लगातार मंथन कर रहे हैं। अगर जिम्मेदारों के मनमुताबिक, व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो गईं, तो आगामी 15 मार्च तक दाम घट जाएंगे।
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केन्द्र लगाती है एक्साइज तो, राज्य वसूलते हैं वैट
पेट्रोल-डीजल पर केन्द्र और राज्य सरकारें दोनो ही अपने अपने स्तर पर जनता से टेक्स की वसूली करती हैं। दोनो सरकारों द्वारा टेक्स के रूप में मामूली वृद्धि होने पर भी इन दामों में अच्छी खासी बढ़ोतरी हो जाती है। केन्द्र सरकार द्वारा जहां ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है, वहीं राज्य सरकारों द्वारा वैट लगाया जाता है। बढ़ती कीमतों को देखते हुए जहां आमजन और विपक्ष का विरोध देखने को मिल रहा है, वहीं कार्पोरेट सेक्टर भी ईंधन पर टेक्स कम करने की मांग कर चुके हैं।
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