अगर 4 फीसदी वैट घटा तो यह होंगी एमपी में दरें
राजस्थान द्वारा लिए गए वैट में कटौती के फैसले के बाद राज्य में पेट्रोल पर वैट 30 से घटकर 26 फीसद और डीजल पर 22 से घटकर 18 फीसद हो गया है। इससे तेल कीमतें ढाई रुपए तक कमी आई है। 9 सितंबर को लिए गए फैसले के बाद नई दरों को रात 12 बजे से लागू भी कर दिया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब ने भी दिए दाम घटाने के संकेत दिए हैं। इस हिसाब से अगर मध्य प्रदेश में भी फिलहाल, लगने वाले वैट दर को कम किया गया तो राज्य में पेट्रोल पर लगने वाला वैट 28 फीसदी से घटकर 24 फीसदी हो जाएगा और डीजल पर वैट 22 फीसदी से घटकर 18 फीसदी हो जाएगा। इस कटौती के बाद मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीज़ल के दामों में लगभग 3 रुपए की कमी आ जाएगी।
GST काउंसिल की बैठक के बाद होगी चर्चा
वहीं, मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैय्या ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि, कैन्द्र सरकार से चर्चा करके इसपर कोई बेहतर फैसला लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य सरकार 14 अक्टूबर 2017 को ही पेट्रोल पर 3 और डीजल पर 5 फीसदी वैट घटा चुकी है। डीजल पर लग रहे डेढ़ रुपए के अतिरिक्त कर को भी खत्म किया जा चुका है। इससे राज्य सरकार को अब तक 2000 करोड़ रुपए कम रेवेन्यू मिला है। उन्होंने कहा कि, फिलहाल 29 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होनी है, इसके बाद ही राज्य सरकार पेट्रोल-डीज़ल के दामों को लेकर बनी स्थितियों को साफ कर सकेगी।
वोट बैंक पर पड़ सकता है असर
इससे यह बात तो साफ है कि, कहीं ना कहीं राज्य की बीजेपी सरकार को यह समझ में आ गया है कि, पेट्रोल और डीज़ल यहां ऐसा मसला बन गया है, जिसपर अगर जनता की राहत का फैसला नहीं लिया गया तो, इसका असर साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। इसलिए वह खुद भी इस बात की इच्छुक है कि, जनता को कर में कमी करके राहत देना ज़रूरी है। हालांकि, अभी राज्य सरकार यह चाह रही है कि, इस मामले पर कैन्द्र सरकार की तरफ से कोई राहत मिले। इसी लिए वह सितंबर के अंत में होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग का इंतेज़ार कर रही है, इसके पीछे का करण बताते हुए मंत्री मलैय्या ने कहा कि, प्रदेश सरकार पिछले साल ही वैट में कटौती कर चुकी है, जिससे उसे 2000 करोड़ रुपए की राजस्व आय का नुकसान हो चुका है। फिलहाल, प्रदेश की जनता को पेट्रोल-डीज़ल के दामों में कमी के लिए सितंबर के अंत में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक तक का इंतेज़ार और करना होगा। इसके बाद ही राहत की कोई उम्मीद की जा सकती है।