इस मौके पर जैन मुनि कुंथु सागर महाराज ने कहा कि जिस प्रकार पिच्छिका का परिवर्तन हो रहा है, उसी प्रकार संसार भी परिवर्तनशील है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने पिच्छिका के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे अच्छे और बुरे कार्य ही हमारे परिणामों का कारण बनते हैं। जीओ और जीने दो के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जो कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं, उनका जीवन महत्वपूर्ण है। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रति अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन करने का भी संदेश दिया। इस मौके पर अध्यक्ष कैलाश सिंघई, नरेंद्र टोंग्या, गिरीश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। समारोह में भोपाल के साथ-साथ अनेक शहरों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
धूमधाम से निकली शोभायात्रा
समारोह के पहले जैन मंदिर प्रांगण से पिच्छिका परिवर्तन शोभायात्रा निकाली गई। इसमें श्रद्धालु पिच्छी लेकर चल रहे हैं। यह शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से प्रारंभ हुई, जो आसपास के मार्केट का भ्रमण करते हुए वापस मंदिर पहुंची। इसमें महिला, पुरुष श्रद्धालु जय जय गुरुदेव के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा के बाद विधि विधान के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह में अनेक श्रावकों को नई पिछ्छी के अनावरण का एवं देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसी प्रकार पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य सिंघई महावीर ममता जैन सिद्धार्थ लेक सिटी को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर चातुर्मास कलश स्थापना करने वाले पूण्यार्थी परिवार एवं चातुर्मास में निरंतर सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान पिपलानी मंदिर समिति के अध्यक्ष कैलाश सिंघई सहित अन्य पदाधिकारियों ने किया।
बच्चों ने दी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति
इस मौके पर पाठशाला के बच्चों द्वारा धार्मिक प्रसंगों पर आधारित प्रसंगों की प्रस्तुति पाठशाला के बच्चों द्वारा दी गई। इसमें बच्चों पिच्छिका के महत्व को दर्शाती हुई नृत्य नाटिका की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई। जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।