भोपाल

हरिद्वार में प्लांट शुरू हो चुका है तो भोपाल यूनिट में देरी क्यों?

भेल कर्मचारी यूनियनों ने उठाया टाउनशिप में सोलर प्लांट लगाने का मुद्दा

भोपालAug 30, 2018 / 08:50 am

Bharat pandey

Plant starts at Haridwar, why delay in Bhopal unit?

भेल। हरिद्वार भेल यूनिट में 5 मेगावॉट का सोलर प्लांट शुरू हो चुका है तो भोपाल यूनिट में प्लांट लगाने में देरी क्यों की जा रहा है? यदि राज्य शासन ने जंबूरी मैदान पर प्लांट के लिए रोक लगाई है, तो प्रबंधन टाउनशिप में दूसरी जगह जमीन क्यों नहीं ढूंढ़ पाया? यह सवाल भेल कर्मचारी यूनियनों ने उठाया है।

जंबूरी मैदान पर 10 मेगावॉट के सोलर प्लांट को लगाने की मंजूरी 2015 में कॉर्पोरेट स्तर पर मिल चुकी थी। इसके लिए 50 एकड़ जमीन सुरक्षित रखी भी की, लेकिन राज्य शासन ने जंबूरी पर प्लांट लगाने से रोक लगा दी। मैदान का उपयोग विभिन्न कार्यक्रमों, चुनावी सभाओं आदि के लिए किया जाता है। जबकि उक्त मैदान मेंं लगभग 500 एकड़ जमीन खाली पड़ी है।

प्रबंधन को टउनशिप में खोजना है दूसरी जमीन
जंबूरी मैदान पर राज्य शासन की रोक के बाद भेल प्रबंधन सोलर प्लांट के लिए टाउनशिप में दूसरी जगह जमीन नहीं ढूंढ पाया। करीब 50 एकड़ जमीन में 58 करोड़ लगात से सोलर प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है। भेल यूनिट में सोलर प्लांट नहीं लगने से ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में भेल भोपाल, हैदराबार, हरिद्वार, बेंगलुरु से पीछे हो गया है। यदि समय पर सोलर प्लांट बन जाता, तो भेल ग्रीन एनर्जी उत्पादन में अन्य यूनिट के साथ खड़ा होता। कारखाने व टाउनशिप में बिजली की भेल सोलर प्लांट से स्वयं आपूर्ति कर सकेगा। साथ ही भेल से लगी कॉलोनियों को भी बिजली सप्लाई कर सकेगा।

 

टाउनिशप में नहीं है जमीन की कमी
युवा इंटक अध्यक्ष दीपक गुप्ता, एबु के मीडिया प्रभारी आशीष सोनी और बीएमएस के सत्येंद्र कुमार ने बताया कि फिर भेल प्रबंधन से सोलर प्लांट का काम शुरू कराने की मांग करेंगे और पूछेंगे जब हरिद्वार में 5 मेगावॉट का सोलर प्लांट बन सकता है, तो भेल भोपाल यूनिट में क्यों देरी की जा रही है? टाउनिशप में जमीन की कमी नहीं है। जंबूरी में मैदान नही, तो दूसरी जगह देखकर सोलर प्लांट लगाया जा सकता है।

 

इसलिए राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी है
भेल भोपाल यूनिट में सोलर प्लांट लगाना प्रस्तावित है। इसके लिए जंबूरी मैदान चिह्नित किया गया है। चूंकि यह मैदान सार्वजानिक कार्यक्रमों के लिए आरक्षित है। इसलिए राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी है। फिलहाल इस बारे में कार्पोरेट स्तर से मार्ग दर्शन मांगा गया है। विनोदानंद झा, प्रवक्ता भेल भोपाल
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